Bihar Election: 'तो आकर मेरी गर्दन पकड़ लेना..', प्रशांत किशोर ने पलायन की समस्या को लेकर सत्ताधारी एनडीए पर साधा निशाना

- प्रशांत किशोर निकाल रहे बिहार बदलाव यात्रा
- पूर्णिया के धमदाहा नगर पंचायत मैदान में लोगों से किया संवाद
- पलायन को लेकर सरकार पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीनों का समय बाकी है। इस सियासी रण को जीतने के लिए सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरु कर दी हैं। इसी क्रम में जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर अपनी 'बिहार बदलाव यात्रा' के तहत राज्य के अलग-अलग स्थानों पर जाकर लोगों से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को पूर्णिया के धमदाहा नगर पंचायत मैदान में आयोजित बिहार बदलाव सभा को संबोधित किया।
'आपके बच्चे गुजरात की फैक्ट्रियों में मजदूरी कर रहे'
प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार के लोगों ने पीएम मोदी को मंदिर के लिए वोट दिया, और वो बन गया। जाति के नाम पर वोट दिया तो नीतीश कुमार ने जाति गणना करा दी। पीएम मोदी बिहार के लोगों का वोट लेकर और देश भर का पैसा लेकर अपने राज्य गुजरात में फैक्ट्री लगवा रहे हैं। आपने अभी तक अपने बच्चों के लिए वोट नहीं दिया, इसलिए आपके बच्चे मोदी के गुजरात में जाकर उन्हीं फैक्ट्रियों में मजदूरी कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आज यहां लोगों को जागरूक करने आए हैं, उन्हें अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट करना चाहिए। जनता इस बात से संतुष्ट है कि उसे पांच किलो अनाज, सिलेंडर और बिजली मिल रही है, लेकिन जनता यह नहीं सोचती कि उसके बच्चों को शिक्षा और रोजगार नहीं मिल रहा है। अगर विधानसभा चुनाव के बाद आपके बच्चों को बिहार में अच्छी शिक्षा और रोजगार नहीं मिला तो आकर प्रशांत किशोर की गर्दन पकड़ लेना।
लालू यादव पर कसा तंज
प्रशांत किशोर ने लालू यादव पर तंज कसते हुए कहा कि मैं पिछले 3 सालों से बिहार के गांव-गांव घूम रहा हूं, लेकिन बच्चों के शरीर पर सूती कपड़ा या पैरों में चप्पल नहीं है। इसीलिए आपको अपने बच्चों की चिंता करनी है, कोई नेता आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि बिहार के लोगों को लालू से सीखना चाहिए कि बच्चों की चिंता क्या होती है। उन्होंने कहा कि लालू का बेटा 9वीं पास भी नहीं है, फिर भी वह चाहते हैं कि उनका बेटा राजा बने, और दूसरी तरफ बिहार के लोग जिनके बच्चे मैट्रिक, बीए, एमए कर चुके हैं, फिर भी उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है।
छठ के बाद मजदूरी घर-परिवार नहीं छोड़ेंगे बच्चे
उन्होंने जनता से वादा करते हुए कहा कि दिसंबर 2025 से 60 साल से अधिक उम्र के हर पुरुष और महिला को 2000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस साल छठ के बाद पूर्णिया या धमदाहा के युवाओं को 10-12 हजार रुपए की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि जब तक सरकारी विद्यालयों में सुधार नहीं हो जाएगा, तब तक आप अपने 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएं और उनकी फीस सरकार भरेगी, ताकि गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सके।
उन्होंने जनता से अपील की कि उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें। बिहार में व्यवस्था परिवर्तन कर जनता का राज स्थापित करने के लिए नेताओं का चेहरा देखकर वोट न करें। अगली बार अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें।
Created On :   17 July 2025 1:02 AM IST