अक्षय पात्र को नहीं हुआ 10 करोड़ रूपये का भुगतान, डूसिब सीईओ को किया गया तलब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के रैन बसेरों में अक्षय पात्र फाउंडेशन के जरिए गरीब व जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है। दिल्ली सरकार का कहना है कि कुछ अफसरों की मनमानी के चलते अक्षय पात्र को करीब 10 करोड़ रूपये का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे संस्था को रैन बसेरों में लगातार भोजन उपलब्ध कराने में मुश्किल आ रही है।
राज्य सरकार के मुताबिक इस मामले पर संज्ञान लेते हुए मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। दिल्ली सरकार का कहना है कि हाईकोर्ट ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की सीईओ गरिमा गुप्ता को तलब किया कि वह व्यक्तिगत रूप से अगली कोर्ट की तारीख में मौजूद रहें। ताकि वह अक्षय पात्र जैसी प्रसिद्ध संस्था को परेशान करने और जानबूझकर उनका भुगतान रोकने की वजह कोर्ट को बताएं।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के चलते राजधानी में कई बार लॉकडाउन लगाया गया था। ऐसे में राजधानी में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए थे और भूखे रहने को मजबूर थे। इसे गंभीरता से लेते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने तत्काल राहत पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार के रैन बसेरों में रहने वाले बेघर लोगों को मुफ्त भोजन वितरित करने का निर्णय लिया। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के विभिन्न आश्रयों में रहने वाले सभी बेघर लोगों को एक गैर सरकारी संगठन अक्षय पात्रा फाउंडेशन द्वारा मुफ्त में भोजन दिया जाता है। इसके लिए दिल्ली सरकार अक्षय पात्र को पेमेंट करती है।
सरकार का कहना है कि कुछ अफसरों ने अपनी मनमानी करते हुए अक्षय पात्र को दिए जाने वाले भुगतान को रोक दिया। इसके चलते बकाया इतना बढ़ गया कि रैन बसेरों में खाना देना बंद कर दिया गया। इस संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने स्वत: संज्ञान लिया। साथ ही इस मामले में दिल्ली सरकार से पूछा था कि अक्षय पात्र द्वारा दिए जाने वाला भोजन क्यों बंद किया गया। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार गरीब व बेसहारा लोगों को भोजन उपलब्ध करना चाहती है। मगर कुछ अफसरों की मनमानी के कारण अक्षय पात्र का पेमेंट रोका गया था।
इस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सख्त आदेश दिए कि अक्षय पात्र द्वारा रैन बसेरों में भोजन उपलब्ध कराना दोबारा शुरू किया जाए। साथ ही अक्षय पात्र की सारी पेमेंट का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल संतोष त्रिपाठी ने उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार ने अक्षय पात्र की सारी पेमेंट का भुगतान करने का निर्णय कई हफ्तों पहले दे दिया है, ताकि रैन बसेरों में गरीबों को मिलने वाले भोजन में किसी तरह की रुकावट न हो।
फिर भी सारी कार्रवाई होने और चुनी हुई सरकार के मंत्री के स्पष्ट आदेशों के बावजूद भी कुछ अफसर अपनी मनमानी कर भुगतान नहीं कर रहे हैं। अक्षय पात्र का करीब 10 करोड़ रूपये सरकार पर बकाया है। ऐसे में 10 करोड़ रूपये न मिलने के चलते अक्षय पात्र के लिए रैन बसेरों में लगातार भोजन उपलब्ध कराने में काफी मुश्किल हो रही है।
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Created On :   4 July 2023 9:07 PM IST