कांग्रेस का आरोप: बीजेपी के दस सालों के कार्यकाल को लेकर सुप्रिया श्रीनेत ने बोला हमला, महंगाई, बेरोजगारी और नौकरी को लेकर भी कसा तंज

बीजेपी के दस सालों के कार्यकाल को लेकर सुप्रिया श्रीनेत ने बोला हमला, महंगाई, बेरोजगारी और नौकरी को लेकर भी कसा तंज
  • कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी पर हमला
  • महंगाई, बेरोजगारी और नौकरी को लेकर कसा तंज
  • बीजेपी के दस सालों के कार्यकाल पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने पार्टी की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने बीजेपी के पिछले दस सालों के कार्यकाल को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मोदी सरकार एक फर्जी सफेद कागज लेकर आई। विडंबना ये है कि मोदी सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड नहीं दिखा रही, बल्कि 10 साल पहले की सरकार का लेखा-जोखा लेकर आई है। मेरी मोदी सरकार को खुली चुनौती है। वे अपने बनाए मानक पर कांग्रेस और बीजेपी सरकार के 10 साल के आंकड़े रखकर देख ले दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में ऐसा करने की हैसियत और हिम्मत नहीं है।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार के सफेद कागज पर वित्त मंत्रालय से साजिशन वैधता ली गई। जिसमें वित्त मंत्रालय के अफसरों को खुद के किए गए कामों को नकारना पड़ा। लेकिन इन साजिशों के बावजूद UPA के 10 वर्षों की GDP ग्रोथ रेट, BJP सरकार के 10 वर्षों से कहीं अधिक थी। बीजेपी सरकार में GDP ग्रोथ रेट 6% से नीचे आ गया, लोगों की आय घटी, उपभोग घटा, बेरोजगारी बढ़ी, निवेश घटा, महंगाई बढ़ी और बचत ख़त्म हो गई। साथ ही, देश पर कर्ज बढ़ा, रुपया घटा, पेट्रोल और डीजल महंगा हुआ। बेरोजगारी सबसे बड़ी त्रासदी बनी और उत्पादन और सर्विसेज में रोजगार घटे। मनरेगा पर ज्यादा खर्च करना पड़ा, शिक्षा और स्वास्थ्य में कम पैसा खर्च हुआ, प्राइवेट निवेश गिरा है।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कोरोना आने से पहले हमारे देश की GDP ग्रोथ आधी हो गई थी, जिसका कारण नोटबंदी और गलत GST थे। 2016 के बाद 2019 में GDP ग्रोथ 3.9% पर आकर गिर गई थी और देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी। यह सरकार की विफल नीतियों का प्रमाण है, जिसका ठीकरा कोरोना पर नहीं फोड़ा जा सकता। आज भी हमारे देश की GDP 6% के आसपास है, जबकि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं कोरोना से उबरकर आगे बढ़ चुकी हैं। कृषि क्षेत्र में नौकरियों का बढ़ना और मैन्युफैक्चरिंग व सर्विसेज में नौकरियां घटना- किसी भी बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार में मैन्युफैक्चरिंग की एवरेज ग्रोथ रेट 6% से कम रही है। वहीं कांग्रेस के समय इसकी GDP में 17% हिस्सेदारी थी, जो अब 14% रह गई है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उपभोग कम हो गया है, लोगों की आय नहीं बढ़ रही है। इस सरकार में ग्रामीण श्रमिकों की आय सिर्फ 1% बढ़ी है। देश में नौकरी छोटे-लघु-मध्यम उद्योग बनाते हैं, लेकिन पिछले 4 साल में 33 हजार MSMEs बंद हो गई हैं। आज जन्म ले रहे हर बच्चे के ऊपर 1 लाख 13 हजार रुपए से ज्यादा का कर्ज चढ़ा दिया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि जो कर्ज कांग्रेस सरकार के दौरान 58 लाख करोड़ रुपए का था, वह मोदी सरकार में 173 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का हो गया है। मोदी सरकार की 'गारंटी' मतलब 'जुमला' हर साल 2 करोड़ रोजगार, 15 लाख सबके खाते में आएंगे, 100 दिन में वापस आएगा काला धन, पेट्रोल-डीजल 35 रुपए/लीटर मिलेगा, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी, 2022 तक 5 ट्रिलियन इकोनॉमी होगी, 2022 तक सभी के सिर पर छत होगी, 2022 तक 100 स्मार्ट सिटी बनेंगी।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि मोदी सरकार कहती है कि बेरोजगारी नहीं है। जबकि, IT कंपनियों ने साल 2023 में 2 लाख 60 हजार नौकरियां घटा दीं। 15 लाख आएंगे- लेकिन देश से भागने वालों को आज तक नहीं ला पाई। किसानों की आय दोगुनी होगी- लेकिन किसान दिन में 27 रुपए कमा रहा है। 25 करोड़ लोगों को गरीबी सीमा से बाहर निकाला गया- तो देश भुखमरी इंडेक्स में 111वें स्थान पर क्यों है?

Created On :   12 Feb 2024 4:36 PM GMT

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