लोकसभा चुनाव 2024: यूपी की तीन सीटों पर फंसा पेंच, साफ सुथरी छवि और परिवारवाद से मुक्त प्रत्याशी की तलाश में BJP

यूपी की तीन सीटों पर फंसा पेंच, साफ सुथरी छवि और परिवारवाद से मुक्त प्रत्याशी की तलाश में BJP
  • बीजेपी पूर्वी यूपी में चुनावी योजना कर रही है काम
  • योग्यता और साझेदारी के बीच का संतुलन बनाने की तैयारी में पार्टी
  • जल्द बीजेपी जारी करेगी दूसरी लिस्ट

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपने 195 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है। इसके बाद से ही पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीन अहम इलाके - बलिया, घोसी और गाजीपुर - चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।

ये इलाके अपनी राजनीतिक और सामाजिक पेंचीदगियों के लिए मशहूर हैं, और BJP यहां अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में लगी है। पार्टी का उम्मीदवार चुनने का तरीका बताता है कि वो समाज में जातिगत गतिशीलता, सहयोगी दलों के साथ संबंधों, और पारिवारिक राजनीति से ऊपर उठकर विचार कर रहे हैं।

बलिया: नया नेतृत्व चाहिए

बलिया में BJP के सामने चुनौती है कि वह अपने समर्थकों और वोटरों में नई ऊर्जा भरे। मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह, जो काफी अनुभवी हैं, उनके और उनके परिवार के खिलाफ उठ रहे सवालों ने नई नेतृत्व की मांग को बढ़ा दिया है। लोग चाहते हैं कि एक ऐसा चेहरा आए जो नए विचार और आधुनिक शासन को लागू कर सके।

घोसी: साफ-सुथरी छवि की तलाश

घोसी में, BJP के सामने चुनौती है कि वह एक ऐसा उम्मीदवार खोजे जो स्वच्छ शासन का प्रतिनिधित्व कर सके। मौजूदा प्रतिनिधि BSP के अतुल राय हैं, जिन्हें कानूनी मुश्किलें झेलनी पड़ी हैं। यहाँ BJP के लिए मौका है कि वह एक नई और साफ छवि वाले व्यक्ति को मैदान में उतारे।

गाजीपुर: वंशवाद बनाम विचारधारा

गाजीपुर में, स्थिति थोड़ी जटिल है। मनोज सिन्हा, जो एक सम्मानित BJP नेता हैं और वर्तमान में जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल हैं, उनकी विरासत यहाँ महत्वपूर्ण है। उनके बेटे अनुभव सिन्हा भी एक संभावित उम्मीदवार हैं, लेकिन BJP का वंशवाद के प्रति स्पष्ट विरोध उनकी उम्मीदवारी को परीक्षण के दायरे में रखता है। पार्टी चाहती है कि उम्मीदवार योग्यता, जनसेवा और पेशेवर उपलब्धियों के आधार पर चुने जाएं।

संभावित उम्मीदवार और रणनीति

BJP विभिन्न उम्मीदवारों पर विचार कर रही है, जिनमें अनुभव सिन्हा, ए.के. शर्मा, और डॉ. ओंकार राय शामिल हैं। ये नाम विभिन्न क्षमताओं और अनुभवों को दर्शाते हैं। पार्टी की चुनावी रणनीति और गठबंधन नीतियाँ भी इन चयनों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

अनुभव सिन्हा मनोज सिन्हा की राजनीतिक विरासत से सीधा संबंध रखते हैं, परंतु उन्हें अपनी विरासत से परे जाकर भारतीय जनता पार्टी के योग्यता-आधारित मानकों के अनुरूप खुद को स्थापित करना होगा।

ए.के. शर्मा फिलहाल एमएलसी हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं। उनकी नौकरशाही में गहरी समझ है, और डॉ. ओंकार राय, जो एसटीपीआई के पूर्व डीजी और वर्तमान में स्टार्टअप ओडिशा के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, उन्होंने शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पहचान बनाई है।

इन चुनावों में भाजपा की रणनीति और उम्मीदवार चयन न केवल पार्टी की तात्कालिक चुनावी संभावनाओं को दिखाएगा बल्कि इसकी दीर्घकालिक राजनीतिक सोच को भी प्रकट करेगा। योग्यता, स्वच्छ शासन और वंशवाद से परे जाने की भाजपा की कोशिश आने वाले समय में इसकी राजनीतिक दिशा को निर्धारित करेगी।

Created On :   9 March 2024 12:41 PM GMT

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