विधानसभा चुनाव से ठीक 3 महीने पहले MP और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने क्यों जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट? 5 प्वाइंट में जानिए सियासी मायने

- चुनाव के लिए बीजेपी ने बनाया धाकड़ प्लान
- एमपी- सीजी में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का किला फतह करने के लिए कमर कस चुकी है। इसी को देखते हुए बीजेपी ने इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक तीन महीने पहले एमपी के 230 सीटों में से 39 और छत्तीसगढ़ के 90 सीटों में से 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। जिसका सियासी मायने अब निकाले जा रहे हैं।
भाजपा ने इन दोनों चुनावी राज्यों में कमल खिलाने के लिए कई तरह की रणनीति बनाई हुई हैं। जिसमें सभी सीटों को कैटेगरी में बांटा गया है। दोनों राज्यों के विधानसभा सीटों को ए,बी, सी और डी में बांटा गया है ताकि सही रणनीति के तहत चुनाव में जीत का झंडा बुलंद किया जा सके। सीटों को ए,बी, सी और डी श्रेणी में बांटने का उद्देश्य अपने प्रतिद्वंदी पार्टी को शिकस्त देना है।
चार श्रेणी में बीजेपी ने बंटा विधानसभा सीट
बीजेपी ने ए श्रेणी में उन सीटों को रखा है जहां उसकी सीटें सुरक्षित हैं वहां पार्टी को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। बी में ऐसी सीटों को रखा गया है जहां बीजेपी एक बार हार मिली है। श्रेणी सी में ऐसी सीटें हैं जहां पार्टी के उम्मीदवार दो बार से ज्यादा हारे हैं, जबकि डी में वे सीटें शामिल हैं जो कभी नहीं या शायद ही कभी बीजेपी जीती हैं।अगर लिस्ट को देखें तो जारी किए गए जितने भी उम्मीदवार हैं वो अधिकांश सी और डी श्रेणियों की सीटों के लिए ही हैं।
छत्तीसगढ़ में 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित
छत्तीसगढ़ में जिन 21 सीटों के लिए बीजेपी ने उम्मीदवारों की घोषणा की है। उनमें 10 सीटें अनुसूचित जनजाति यानी एसटी के लिए आरक्षित हैं और एक सीट अनुसूचित जाति एससी के लिए आरक्षित है। बाकी के अन्य 10 सीटें सामान्य सीटें हैं। जिस पर सामान्य जाति, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति कोई भी खड़ा हो सकता है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एसटी सीटों पर जबरदस्त जीत हासिल की थी। जिसकी वजह से सरकार बनाने में कामयाब रही थी। छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा सीटों में से कुल 29 सीटें एसटी और 10 एससी के लिए आरक्षित सीटें हैं।
मध्यप्रदेश के 230 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिया है। एमपी के 230 सीटों में से 47 एसटी और 35 एससी के लिए आरक्षित हैं। मौजूदा समय में अनुसूचित जनजाति की सीट कांग्रेस के पास ही है। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर बीजेपी ने इतने दिन पहले ही उम्मीदवारों की लिस्ट क्यों जारी कर दी।
बीजेपी का क्या है मास्टरप्लान? प्वांइट्स में समझें
- आंतरिक कलह को कम करना।
- अगर नेताओं के बीच खींचतान होती भी है तो समय रहते हुए पाटा जा सकता है।
- विधानसभा में उम्मीदवार ज्यादा से ज्यादा प्रचार कर सके।
- जनता में भाजपा के साथ प्रत्याशी का भी विश्वास बढ़े।
- अपने प्रतिद्वंदी की खामी को उम्मीदवार पहचान सकें और समय रहते हुए उस पर काम कर सके।
भाजपा ने इन अहम प्वाइंट्स को देखते हुए चुनाव से ठीक तीन महीने पहले अपने उम्मीदवारों को घोषित करना, उसके मास्टर प्लान का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
Created On :   19 Aug 2023 2:46 PM IST