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दैनिक भास्कर हिंदी: इथियोपिया की गेमेचु ने एअरटेल दिल्ली हाफ मैराथन में तोड़ा अपना ही कोर्स रिकार्ड

हाईलाइट
- इथियोपिया की गेमेचु ने एअरटेल दिल्ली हाफ मैराथन में तोड़ा अपना ही कोर्स रिकार्ड (राउंडअप)
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। इथियोपिया की तेहाय गेमेचू एअरटेल दिल्ली हाफ मैराथन में अपना खिताब बचाने में सफल रहीं लेकिन उनकी इस जीत का खास पहलू यह रहा कि उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजधानी में 12 महीने पहले बनाया गया अपना ही कोर्स रिकार्ड ध्वस्त किया। गेमेचू ने रविवार को 66.00 मिनट में रेस पूरी की।
गेमेचू अभी सिर्फ 21 साल की हैं और 2018 में निकाले गए अपने समय से 50 सेकेंड कम लेकर इस आईएएएफ गोल्ड लेबल रेड रेस की विजेता बनीं। उन्हें पहले स्थान पर आने के लिए 27 हजार डॉलर मिले। साथ ही कोर्स रिकार्ड तोड़ने के लिए उन्हें बोनस के तौर पर अतिरिक्त 10 हजार डॉलर मिले।
महिला रेस में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखी गई। गेमेचू और उनके ही देश् की येलामजेर्फ येहुआलाव के बीच अंतिम पांच किलोमीटर में हेड-टू-हेड मुकाबला हुआ।
कई धावक शुरुआती पांच किलोमीटर की दूरी 15.43 मिनट में ही पूरा करने में सफल रहीं। छह ने तो पेसमेकर्स का उपयोग करते हुए शुरुआती 10 किलोमीटर की दूरी 31.22 मिनट में पूरी कर ली थी लेकिन जैसे-जैसे दूरी बढ़ती गई, प्रतिभागियों की संख्या कम होने लगी और 15 किलोमीटर तक जाते-जाते गेमेचू और येहुआलाव के बीच मुकाबला रह गया। इन दोनों ने 15 किलोमीटर की दूरी 47.05 मिनट में पूरी की।
अंतिम किलोमीटर में अगस्त में अफ्रीकन गेम्स हाफ मैराथन जीतने वाली येहुआलाव ने बढ़त ले ली थी और ऐसा लग रहा था कि वह फिनिश लाइन पर पहले पहुंचते हुए गेमेचू को खिताब बचाने से रोक लेंगी लेकिन गेमेचू ने हार नहीं मानी और जल्द ही न सिर्फ आगे निकलने में सफल रहीं बल्कि अपना श्रेष्ठ समय निकालते हुए दिल्ली में अपना खिताब बचाने वाली दूसरी महिला बन गईं।
रेस के बाद गेमेचू ने कहा, दोहा (जहां वह विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेते हुए 5000 मीटर रेस में चौथे स्थान पर रही थीं) के बाद मैं थकी हुई थी लेकिन मैं कोर्स रिकार्ड बनाना चाहती थी। मैं जानती थी कि मैं मानसिक तौर पर मजबूत हूं।
येहुआलाव इस साल अगस्त में 20 साल की हुई हैं। येहुआलाव ने अपने अपने बीते श्रेष्य समय से तीन मिनट अधिक लिया और दूसरे स्थान पर रहीं। येहुआलाव ने 66.01 मिनट का समय निकाला।
अच्छी शुरुआत करने वाली और 15 किलोमीटर तक काफी अच्छी स्थिति में दिखने वाली जेइनेबा यिमेर ने तीसरा स्थान हासिल किया और इस तरह इथियोपिया की धावकों को शुरुआती तीन स्थान प्राप्त हुए। 2018 में भी तीसरे स्थान पर आने वाली यिमेर ने 66.57 मिनट में रेस पूरी की।
2017 में वर्ल्ड क्रॉस कंट्री चैम्पियनशिप जीतने वाली केन्या की इरीन चेपताई पोडियम फिनिश नहीं कर पाईं लेकिन उन्होंने अपने हाफ मैराथन डेब्यू में संतोषजनक 67.39 मिनट का समय निकाला।
पुरुष वर्ग का खिताब एंडामलाक बेलिहू ने जीता। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में फिनिश लाइन के पास मौजूद रहते हुए एंडामलाक ने गेमेचू को भारत में आयोजित किसी हाफ मैराथन में सबसे अच्छा समय निकालते हुए देखा।
एंडामलाक भी इथियोपिया से हैं। एंडामलाक ने सात मिनट पहले ही अपनी रेस पूरी की थी। उन्होंने 59.10 मिनट समय के साथ पहला स्थान पाया। 2018 में भी वह चैम्पियन रहे थे और इस साल वह अपने बीते साल के समय में आठ सेकेंड का सुधार करने में सफल रहे।
हालांकि, एंडामलाक को अपने ही देश की गेमेचू की तरह कोर्स रिकार्ड तोड़ने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो सका। 2014 में इथियोपिया के ही गुये एडोला ने 59.06 मिनट के साथ दिल्ली में कोर्स रिकार्ड बनाया था।
महिला रेस की तरह ही पुरुष रेस मे भी काफी जबरदस्त प्रतिस्पर्धा हुई। अंतिम कुछ किलोमीटर में धावकों ने एक दूसरे को जबरदस्त चुनौती दी। छह धावक 10 किलोमीटर की दूरी 28.08 मिनट में ही पार कर दए। एंडामलाक के साथ एक अन्य इथियोपियाई सोलोमन बेरिहू और केन्या के किबिवोट कैंडी तथा एल्फ्रेड बाराक थे। हालांकि एंडामलाक ने इन सबके बीच खुद को श्रेष्ठ साबित करते हुए पोडियम पर पहला स्थान प्राप्त किया।
रेस के बाद एंडामलाक ने कहा, 18 किलोमीटर पर मुझे बैक पेन होने लगा था। इसी से मेरा कोर्स रिकार्ड बनाने का सपना टूट गया। मैं निराश हूं कि मैं कोर्स रिकार्ड से एक बार फिर चूक गया लेकिन अपना श्रेष्ठ समय निकालने का मुझे खुशी है। मैं अधिक शिकायत नहीं कर सकता। ट
पुरुष वर्ग में बेरिहू ने 59.17 मिनट के साथ दूसरा और केंडी ने 59.33 मिनट के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।
भारत के श्रीनू बुगाथा ने 2019 में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए भारतीय इलीट पुरुष धावकों के बीच पहला स्थान हासिल किया। इस साल टाटा मुम्बई मैराथन जीतने वाले श्रीनू ने 1.04.33 घंटे के साथ पहला स्थान पाया जबकि सुरेश पटेल ने 1.04.57 घंटे के साथ दूसरा और हर्षद मराठे ने 1.05.12 घंटे के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।
भारतीय इलीट महिला वर्ग में एल. सूरिया ने 1.12.49 घंटे के साथ पहला स्थान हासिल किया। वह इस वर्ग में दिल्ली में कोर्स रिकार्ड होल्डर हैं। दूसरे स्थान पर पारुल चौधरी रहीं, जिन्होंने 1.13.55 घंटे का समय निकाल जबकि चिंता यादव ने 1.15.28 घंटे के साथ तीसरा स्थान पाया।
श्रीनू ने रेस के बाद कहा, मैंने अपने पिछले समय को पीछे छोड़ने के लिए काफी मेहनत की लेकिन दुर्भाग्य से मैं नाकाम रहा। मैंने हालांकि बाकी रेसरों को पीछे छोड़ा और शुरुआती लीड ले ली थी लेकिन अपना समय नहीं सुधार सका। पूरे रेस के दौरान कोई मेरे साथ नहीं दिखा।
तीन बार एडीएचएम चैम्पियन सुरेश पटेल ने कहा कि वह अपनी रणनीति को सही तरीके से लागू नहीं कर सके। सुरेश ने कहा, शुरुआत में मैंने यह फैसला किया था कि मैं लीडर्स से पीछे रहूंगा। मैंने सोचा था कि अंतिम 10 किलोमीटर में मै सबसे आगे निकल जाउंगा लेकिन यह हो नहीं सका।
डेब्यू कर रहे हर्षद मराठे काफी अच्छा दौड़ रहे थे और पूरी रेस के दौरान श्रीनू के साथ ही रहे लेकिन बाद में उन्होंने खुद को पीछे कर लिया।
हर्षद ने कहा, मैंने महसूस किया कि मैं बीते दो साल से ही मैराथन धावक के तौर अभ्यास कर रहा हूं लेकिन इससे पहले मैंने शार्ट डिस्टेंस में किया है। मैं श्रीनू के साथ 15-16 किलोमीटर तक दौड़ा था। उन्होंने कहा था कि मैं कोर्स रिकार्ड तोड़ सकता हूं लेकिन इसके बाद मैंने फैसला किया कि अपनी ऊर्जा बचाने के लिए मुझे पीछे हो लेना चाहिए क्योंकि यह मेरा पहला हाफ मैराथन था।
सूरिया ने कहा कि उन्होंने पारुल के साथ दौड़ने का लुत्फ लिया। सूरिया ने कहा, इस साल मुझे यहां दौड़ते हुए अच्छा महसूस हुआ। मैं रेस में अधिकांश समय तक पारुल के साथ दौड़ी। अच्छा लगा कि हम दोनो ने इस मैराथन में एक दूसरे साथ प्रतिस्पर्धा की।
पारुल ने कहा कि एडीएचएम के लिए अच्छी तरह तैयारी नहीं कर पाई थीं और इसी कारण उन्होंने सूरिया के साथ अधिक से अधिक दूरी तक दौड़ने का फैसला किया था। बकौल पारुल, मैं इस इवेंट में अपना श्रेष्ठ समय निकालना चाहती थी और मैं जानती थी कि मैं जितनी दूरी तरह सूरिया के साथ दौड़ूंगी, मेरी समय उतना ही बेहतर होगा।
चिंता यादव ने बीते साल की तुलना में अपने समय में छह मिनट का सुधार किया। चिंता ने कहा, मैं बीते साल और इस साल इस इवेंट के लिए अच्छी तरह तैयारी नहीं कर पाई थी। हालांकि मैंने इस मैराथन में अपना समय बेहतर करने का मन बनाया था और इसी कारण मेरा समय बेहतर हुआ।
क्लोजिंग बेल: सेंसेक्स में 134 अंकों की गिरावट, निफ्टी 15,800 के करीब बंद हुआ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। दुर्बल वैश्विक संकेतों के कारण देश का शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के तीसरे दिन (29 जून, बुधवार) गिरावट के साथ बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान पर रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 134.31 अंक यानी कि 0.25% की बढ़त के साथ 53,026.97 के स्तर पर बंद हुआ।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 32.95 अंक यानी कि 0.21% की बढ़त के साथ 15,799.10 के स्तर पर बंद हुआ।
जबकि बैंक निफ्टी ने 372.55 अंकों की हानि के साथ 33269.90 पर समाप्ति दी। निफ्टी के 50 शेयरों में से 33 लाल रंग में रहे जो व्यापक बिकवाली दर्शाते हैं। क्षेत्र विशेष में, निफ्टी मेटल, एनर्जी तथा ऑटो सूचकांको में सबसे अधिक तेजी रही जबकि बैंकिंग, एफएमसीजी एवं आईटी में सर्वाधिक मंदी देखी गयी। निफ्टी के शेयरों में एनटीपीसी, रिलायंस, ओएनजीसी, आयशर मोटर तथा पावर ग्रिड में सबसे अधिक बढ़त रही जबकि एचडीएफसी लाइफ, हिन्द यूनिलिवर, एक्सिस बैंक तथा अपोलो हॉस्पिटल में सर्वाधिक घाटा रहा।
इंडिया विक्स 2.10 प्रतिशत बढ़ 21.90 पर बंद हुआ जो आने वाले सत्र में और अधिक उतारचढ़ाव आने का संकेत है। तकनीकी आधार पर, निफ्टी हायर लो तथा लोअर लो प्रारूप बना रहा है जो दुर्बलता का संकेत दे रहा है। निफ्टी 21 दिनों के डीएमए पर अवरोध का सामना कर रहा है, इसके नीचे बंदी देने पर अगले ट्रेडिंग सत्र में और भी दुर्बलता दिख सकती है। निफ्टी के ओपन इंटरेस्ट आंकड़ों में, कॉल में सर्वधिक ओपन इंटरेस्ट 16000 पर है जबकि पुट में सबसे अधिक ओपन इंटरेस्ट 15700, उसके बाद 17500 है।
मोमेन्टम संकेतकों में स्टॉकिस्टिक तथा एमएसीडी आवरली चार्ट पर नकारात्मक क्रॉस ओवर के साथ ट्रेड कर रहे हैं जो बाजार में दुर्बलता का संकेत है। जून महीने के फ्यूचर ऑप्शन सौदों के कटान के पहले निफ्टी ने 57.49 प्रतिशत तथा बैंक निफ्टी ने 53.95 प्रतिशत रोलओवर दिखाया है। मुथोथ फाइनेंस, एमफासिस तथा अडानी पोर्ट में सर्वाधिक रोलओवर हुआ है।निफ्टी का सपोर्ट 15600 तथा तेजी की स्थिति में 16000 एक तात्कालिक अवरोध हो सकता है। बैंक निफ्टी का सपोर्ट 32600 है, अवरोध 34000 है। कुलमिला कर निफ्टी नीचे की चाल दिखा सकता है। 15650 तोड़ने पर मंदी गहरा सकती है। 16000 निफ्टी एक बड़ा अवरोध है।
पलक कोठारी
रीसर्च एसोसिएट
चॉइस ब्रोकिंग
Source: Choice India
३२ साल के डॉ. राज पढियार ने देश भर में बनायी विशेष पहचान: गुजरात के गृहमंत्री, तेलंगाना एवं पोंडिचेरी के गवर्नर सहित देश विदेश की नामी हस्तियाँ करती है फ़ॉलो
डिजिटल डेस्क, भोपाल। थाने ज़िला के मीरा भायंदर के युवा उधमी - डॉ. राज पढियार ने अपने आंट्रेप्रेनरशीप और डिजिटल मीडिया से देश भर में अपनी विशेष पहचान बनायी हैं । इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है की उन्हें ट्विटर पर गुजरात के गृह मंत्री - हर्ष संघवीजी, तेलंगाना एवं पोंडिचेरी गवर्नर - डॉ. तमिलिसाई सौंदराराजन, तहसीन पूनावाला, कोंग्रेस के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष - बी श्रीनिवास, भाजपा के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष एव सांसद - तेजस्वी सूर्या, उद्धव ठाकरे साहेब के पीए - बी के राजपूत, इनकम टैक्स कमिशनर - सुग्रीव मीना, ABP न्यूज़ के ऐंकर - विकास भदोरिया, राहुल गांधी के पीएस - कौशल विद्यार्थी, बोलीवुड अभिनेता अमित साध, WTO के भारत के डिरेक्टर - आशीष चंडोरकर, दुबई के शेख़ - डॉ. मोहम्मद अल हेमीयरी समित भारत सरकार के कई मंत्रालय, विभिन्न राज्य के प्रदेशध्यक्ष, सांसद, अभिनेता, सामाजिक कार्यकर्ता एवं नामी हस्तियाँ फ़ॉलो करती है । यह सभी लोग डॉ. राज के शिक्षण एवं डिजिटल मीडिया के क्षेत्र के बदोलत इनके सम्पर्क में रहकर निरंतर चर्चा एवं वार्ता विमश करते रहते है ।
डॉ. राज पढियार - एशिया की प्रसिद्ध एजुकेशन कंपनी -
डिजिटल गुरुकुल के संस्थापक है जिसने अभी तक पूरी दुनिया में ४५,०००+ से ज़्यादा छात्रों को डिजिटल क्षेत्र में प्रशिक्षा देकर उन्हें रोज़गार एवं स्टार्टअप के हेतु योग्य बनाया है । कोरोना काल में डॉ. राज की संस्था ने १५००+ से ज़्यादा भारत, दुबई के युवाओं को डिजिटल स्किल की निशुल्क शिक्षा देकर उन्हें रोज़गार प्राप्त करने में सहायता करी ।
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डॉ. राज पढियार को शिक्षा एवं डिजिटल क्षेत्र में योगदान के चलते उन्हें “दुनिया के सर्वश्रेस्ठ १०० डिजिटल लीडर” में स्थान मिला जो भारत के लिए बहोत गर्व की बात थी । इसके अलावा उन्हें बॉलीवुड अभिनेत्री सोहा अली खान, कलाकार मुकेश खन्ना एवं कई बड़े कलाकारों ने विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया है ।
अपने स्टार्टप के शुरुआती दौर में काफ़ी स्ट्रगल करने के बाद डॉ. राज पढियार ने अपने अथाग परिश्रम एवं मेहनत से आज जो मुक़ाम तक पहोचे है जिससे उनकी देश विदेश में लोग सराहना कर रहे है और भारत का नाम और रोशन किया है।
मूवर्स और पैकर्स: कैसे एश्योरशिफ्ट ने भारत में स्थानांतरण के अनुभव को बेहतर बनाया है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में बढ़ती जनसंख्या, शैक्षिक प्रगति और मूल तोर से नौकरी के अवसर के कारण, देश के अंदर और विदेश के कई शहरों में, प्रवास करने वाले अन्य शहरों के लोगों की संख्या उल्लेखनीय मत्रा से वृद्धि पाई है।
इस कारण से स्थानांतरण सेवा के मांग में तेजी से वृद्धि हुई। कई पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों की स्थापना भी हुई है जो घर, कार्यालयों के सामना, कार, बाइक, आदि को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करती हैं। हालांकि, किसी भी नए उत्पाद के साथ, कई नकली और गैर-पेशेवर चलती कंपनि स्थापित होते हैं। धीरे-धीरे भारतीय स्थानांतरण बाजार में इस तरह के कंपनि आकर बेहद कम लागत वाली कोटेशन की पेशकश करके निर्दोष ग्राहकों का शिकार करना शुरू कर दिया। वे गुणवत्ता सेवाओं, अतिरिक्त सहायता आदि जैसे कई वादे करते हैं, लेकिन अंत में अक्सर ग्राहकों के पैसे और सामान लूट लेते हैं।
स्व-चलन के साथ आने वाली कठिनाइयों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, पेशेवर स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को नियुक्त करने की सलाह दी जाती है लेकिन कंपनी के इतिहास और पृष्ठभूमि की जांच कर लेने के बाद। आपको एक पैकर्स मूवर्स कंपनी के पंजीकरण दस्तावेजों और पहले के ग्राहकों की कई समीक्षाएं पढ़ कर, उनका व्यापक शोध करना चाहिेए। लेकिन सामान्य ज्ञान के अनुसार, दस्तावेज़ीकरण, कंपनी विवरण, कार्यालय स्थान आदि की पुष्टि करना आसान काम नहीं है और पहली बार जांच करने वाले के लिए अत्यधिक समय लग सकता है।
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#3 लाइटनिंग-फास्ट रिस्पांस और एंड-टू-एंड सपोर्ट
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साथ ही, एश्योरशिफ्ट सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान आवश्यक समर्थन मिले, यानी अनुरोध जमा करने के समय से लेकर सामान की अंतिम डोरस्टेप डिलीवरी तक।
# 4 नियमित प्रतिक्रिया और गुणवत्ता संरक्षण
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प्राप्त शिकायतों की गंभीरता के आधार पर, एश्योरशिफ्ट सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करता है, :जैसे
- गैर-पेशेवर मूवर्स और पैकर्स को अस्थायी रूप से निलंबित या वेबसाइट से उनके व्यावसायिक प्रोफाइल को स्थायी रूप से हटाकर दंडित करना, साथ ही साथ
- लिस्टिंग में उच्च रैंक मैं रख के शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को पुरस्कृत करना ।
निष्कर्ष के तौर पर
एश्योरशिफ्ट समझती है कि कई सारे सामान ले जाना जोखिम भरा हो सकता है और वित्तीय, मानसिक और शारीरिक दबाव पैदा कर सकता है, खासकर बिना किसी पूर्व अनुभव से किया गया हो तो। इसके अलावा, बहुत से ग्राहक वास्तव में भरोसेमंद स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को किराए पर लेने का सही तरीका भी नहीं जानते हैं। और तो और क्योंकि वर्तमान समय में कई धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां भी बाजार में स्थापित हैं।
धोखेबाज पैकर्स और मूवर्स को खत्म करने के मिशन के साथ, एश्योरशिफ्ट ने स्थानांतरण कंपनियों के काम काज़ की प्रक्रिया में सुधार लाई हे, और इसके परिणामस्वरूप, भारत में पैकिंग और स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आया है। एश्योरशिफ्ट के माध्यम से जाने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि भरोसेमंद पैकर्स और मूवर्स ढूंढना आसान हो जाता है, और बजट के अनुसार सही कंपनी मिनटों के अंदर मिल जाता है।
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