अंधेरगर्दी: छोटे खानपान लाइसेंसियों को दिखाया जा रहा बाहर का रास्ता
- बड़ी कंपनियों का एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश
- गरीब रेल यात्रियों तथा छोटे वेंडरों को राहत देने नई खानपान नीति शीघ्र लाने की मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अखिल भारतीय रेलवे खान पान लाइसेंन्सीज नेलफेयर एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि बडे वेंडरों को फायदा पहुंचाने के लिए रेलवे के सहारे जीवन-यापन कर रहे देश के लाखों छोटे वेंडरों को परेशान किया जा रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रविन्द्र गुप्ता ने कहा कि रेलवे बोर्ड के अधिकारी खानपान के मामलों में बड़ी कंपनियों का एकाधिकार स्थापित करने के लिए छोटे खानपान लाइसेंसियों को रेल से बाहर का रास्ता दिखाने पर आमादा है।
पिछले दो दशक से भी अधिक समय से छोटे वेंडरों के हितों के लिए संघर्षरत गुप्ता ने बताया कि उन्होंने वेंडरों की समस्याओं को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के सामने विस्तार से रखा है। बावजूद इसके हकीकत को समझे बिना रेल मंत्रालय के कुछ अधिकारी नादिरशाही फरमान जारी करके रेलवे कैटरिंग के कारोबार को दलदल में धकेल कर तबाह कर रहे है। उन्होंने कहा कि खानपान के मामले में नित नई नीतियां लाकर छोटे वेंडरों के हाथों का रोजगार छीना जा रहा है। इससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो चुका है।
गुप्ता ने कहा कि बड़ी-बड़ी कंपनियों के हवाले कैटरिंग व्यवस्था किए जाने के कारण प्लेटफॉर्म पर खानपान न केवल महंगा हुआ है बल्कि उसकी गुणवत्ता का स्तर भी अपेक्षा से कमतर हुआ है। उनका मानना है कि रेलवे में पुरानी खानपान व्यवस्था लागू होने से ही खानपान का स्तर फिर से बेहतर और सस्ता हो सकता है। लिहाजा रेलवे बोर्ड से आग्रह है कि वह गरीब और मध्यम रेल यात्रियों तथा छोटे लाइसेंसी वेंडरों के हितों को ध्यान में रखकर नई खानपान नीति शीघ्र लाकर उसे लागू करें।
Created On :   23 Sept 2023 7:22 PM IST