जिप ने मांगे 60 करोड़ मंजूर हुए मात्र 5 करोड़ रुपए

जिप ने मांगे 60 करोड़ मंजूर हुए मात्र 5 करोड़ रुपए
ऊंट के मुंह में जीरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गत दो साल में हुई भारी बारिश से ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों के बुरे हाल हो गए हैं। सड़कें उखड़ गईं हैं, पुलिया बह गई हैं। जिला परिषद ने 206 सड़कों की मरम्मत के लिए 60 करोड़ रुपए का प्रस्ताव जिला नियोजन समिति के पास भेजा। उसमें से मात्र 5 करोड़ रुपए की निधि मंजूरी की गई है। मंजूर निधि ऊंट के मुंह में जीरा कहावत को चरितार्थ कर रही है। इतनी कम निधि मंजूर करने से ग्रामीण सड़कों की मरम्मत कैसे करें, इसे लेकर जिप प्रशासन पसोपेश में है।

राज्य सरकार से निराशा : दरअसल गत वर्ष अतिवृष्टि तथा बाढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में जिप के अधिनस्थ 455 किलोमीटर की सड़कों की दुर्दशा हो गई। उनकी दुरुस्ती के लिए 128 करोड़ रुपए अपेक्षित हैं। जिला परिषद के लोकनिर्माण विभाग ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा। सरकार ने फूटी कौड़ी मंजूर नहीं करने से जिप को निराशा हुई। खराब हुई सड़कों में ग्रामीण सड़कें 346 और अन्य ग्रामीण सड़कें 108 हैं। उनकी अस्थायी दुरुस्ती के लिए 37 करोड़ 6 लाख और कायम दुरुस्ती के लिए 128 करोड़ 31 लाख रुपए निधि का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था।

मरम्मत के 364 करोड़ बकाया : अतिवृष्टि अथवा बाढ़ से सड़कें खराब होने पर दुरुस्ती के लिए निधि आवंटन करना सरकार का दायित्व है। गत कुछ वर्षों में सरकार से निधि मंजूर नहीं करने पर ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों की दुर्दशा हो गई है। साल 2016 से 2021 के दरमियान सड़कों की मरम्मत के लिए जिला परिषद ने सरकार को 364 करोड़ रुपए मांग के प्रस्ताव भेजे। उसमें से एक रुपया भी नहीं मिला। निधि के अभाव में ग्रामीण सड़कों की दुरुस्ती का अनुशेष लगातार बढ़ रहा है।

Created On :   19 May 2023 8:57 AM GMT

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