महाराष्ट्र की बदनामी करने फडणवीस और केंद्र सरकार ने रचा षड़यंत्र

महाराष्ट्र की बदनामी करने फडणवीस और केंद्र सरकार ने रचा षड़यंत्र
नाना पटोले का आरोप

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंबानी के घर के सामने जिलेटिन रखने की घटना के बाद हुए घटनाक्रम और उसका अंत राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख जेल में जाने से हुआ। यह सभी स्क्रिप्ट देवेंद्र फडणवीस ने लिखी थी, यह मैंने तब कहा था। लेकिन अब यह सही साबित होते दिख रहा है। यह मत कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने व्यक्त किए।

नागपुर में संवाद माध्यमों से बात करते हुए नाना पटोले ने कहा कि मैं विधानसभा अध्यक्ष के नाते एक बार दिल्ली गया था। उस समय लोकसभा के अध्यक्ष ने मुझे पूछा था कि तुम्हारे यहां परमबीर सिंह नाम का आईपीएस अधिकार कौन है? मैंने हां कहने पर उन्होंेने कहा कि उनकी भ्रष्टाचार की फाइल हमारे पास आई है। पीएमओ के पास भी गई है और राज्य के मुख्यमंत्री के पास भी गई है। उनका कहना था कि परमबीर सिंह काफी भ्रष्ट अधिकारी है। वहां से आने के बाद परमबीर सिंह मुझे मिलने आया था। उन्हें मैंने यह किस्सा बताया। परमबीर सिंह का कहना था कि उनके विभाग के कुछ लोग ऐसी शिकायतें करते रहते हैं। इसके बाद मुझे मिली जानकारी अनुसार परमबीर सिंह सभी में भ्रष्ट अधिकारी है, यह साबित हुआ। परमबीर सिंह के बारे में मुंबई उच्च न्यायालय ने उनके निलंबन को बिना कारण बढ़ाया जा रहा है, इस पर अपना निरीक्षण दिया था। इसमें कैट के आदेश का भी उल्लंघन हुआ। उच्च न्यायालय के आदेश का पालन सरकार ने किया नहीं। एंटेलिया में विस्फोटक रखने का नाट्य पूर्व नियोजित था, यह आरोप पटोले ने लगाया।

पहले कही गई बातें अब सही साबित हो रही हैं : कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि उस समय विधानसभा में मैंने यह फडणवीस द्वारा लिखी स्क्रिप्ट होने की जानकारी दी थी। अब यह सही साबित होते दिख रहा है। क्योंकि फडणवीस ने गृहमंत्री पर वह आरोप लगाया था। अनिल देशमुख के प्रकरण में 100 करोड़ का हिसाब अंत तक लगा ही नहीं। वह आए कहां से, यह प्रश्न उस समय भी निर्माण हुआ था। परसो परमबीर सिंह के बारे में दिए गए आदेश में उच्च न्यायालय और कैट के आदेश का भी पालन नहीं किया गया है। देवेंद्र फडणवीस ने और केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को बदनाम करने का षड़यंत्र रचा था। सरकार ने तकनीकी दृष्टि से कैट के जंजाल से परमबीर सिंह को बाहर निकाला है। नाना पटोले ने कहा कि उन्हें अनिल देशमुख के विरोध में प्यादे के रूप में इस्तेमाल किया गया है। सिंह पर लगे सभी आरोप वापस लिए हैं और पूर्व प्रभाव से उन्हें सभी फायदे दिए गए हैं। कोई अधिकारी खुद के गृहमंत्री पर आरोप लगा रहा है, इससे राज्य की बदनामी हुई थी। महाराष्ट्र के इतिहास में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।

Created On :   17 May 2023 6:47 AM GMT

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