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यूपीएससी में चमके अमित, प्रतीक, राहुल
- नागपुर से 4 उम्मीदवारों ने बाजी मारी
- 7 नेेेेेेेेेेेेेेे दिया था इंटरव्यू
डिजिटल डेस्क, नागपुर। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 के अंतिम नतीजे जारी किए, जिसमें नागपुर शहर से संबंधित 4 उम्मीदवारों ने बाजी मारी है। इसमें अमित उंदिरवाडे, प्रतीक कोरडे और राहुल आत्राम का समावेश है। जानकारी के अनुसार, शहर से कुल 7 उम्मीदवारों ने साक्षात्कार दिए थे, इसमें से 4 को सफलता मिली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमित उंदिरवाडे को एआईआर (ऑल इंडिया रैंक) 581, प्रतीक कोरडे को एआईआर 638 और राहुल आत्राम को एआईआर 663 प्राप्त हुआ है। मूलत: नाशिक निवासी राजश्री देशमुख का प्रोविजनल चयन हुआ है। वे नागपुर के प्री-आईएएस कोचिंग की छात्रा थीं। गौरतलब है कि सितंबर 2022 में मुख्य परीक्षा ली गई थी, इसमें सफल अभ्यर्थियों के साक्षात्कार जनवरी से मई 2023 के बीच लिए गए थे। इस वर्ष उपलब्ध रिक्त पदों में 180 आईएएस, 38 आईएफएस, 200 आईपीएस, ग्रुप ए के 473 और ग्रुप बी के 131 यानी कुल 1022 पद शामिल हैं।
असफलता से निपटना बड़ी चुनौती : अमित उंदिरवाडे
मूलत: गोंदिया के निवासी अमित ने बताया कि उन्होंने नागपुर के यशवंतराव चौहान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन पूरा किया और ग्रेजुएशन के बाद से ही वे यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। ये साल 2013 था। वर्ष 2023 तक उन्होंने कुल 5 बार मेन्स परीक्षा और 3 बार साक्षात्कार दिया। अब जा कर उन्हें सफलता मिली है। अमित के अनुसार, यह परीक्षा बहुत ही अप्रत्याशित होती है। इसमें क्या पूछा जाएगा, चयन होगा या नहीं, ऐसे कई प्रश्न मन में होते हैं। इस दौरान असफलता से निपटना ही सबसे बड़ी चुनौती होती है। अमित के पिता चंद्रभान उंदिरवाडे वन विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं और माता वैशाली उंदिरवाडे गृहिणी हैं।
माता पिता हैं सपोर्ट सिस्टम : प्रतीक कोरडे
प्रतीक नरखेड निवासी हैं। उन्होंने बताया कि मूलभूत शिक्षा नरखेड से प्राप्त करने के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन के लिए पुणे का रुख किया। जब भी वे किसी सरकारी कार्यालय में जाते थे, तो देखते थे कि आम आदमी को किस तरह नजरअंदाज किया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकांश अधिकारी संभ्रांत पृष्ठभूमि से आते हैं। इसलिए वे आम आदमी की समस्या को नहीं समझ पाते। ऐसे में जमीनी स्तर से आए हुए लोगों का सरकारी सेवा में आना जरूरी है। उनके पिता नंदकुमार कोरडे आर्मी से सेवानिवृत्त हैं। उन्होंने प्रतीक को बचपन से ही देशसेवा की प्रेरणा दी। माता वंदना देवी गृहिणी हैं, जिन्होंने यूपीएससी की इस कठिन यात्रा में उनका मनोबल बढ़ाया। प्रतीक के अनुसार उनके माता-पिता ही उनका सपोर्ट सिस्टम हैं।
24 की उम्र में मिली सफलता : राहुल आत्राम
नागपुर के सेमिनरी हिल्स निवासी राहुल आत्राम ने महज 24 वर्ष की उम्र में और दूसरे प्रयास में यह परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। उनके पिता रमेश आत्राम समाज कल्याण विभाग अंतर्गत जाति-वैधता समिति के पूर्व उपायुक्त हैं। इस कारण कारण राहुल को भी बचपन से लोगों की समस्याएं जानने का अवसर मिला। उनका परिवार मूलत: गडचिरोली से है, इसलिए स्थानीय लोगों की समस्याओं से वे परिचित हैं। बचपन से ही पढ़ाई में होशियार राहुल ने आईआईटी खडगपुर से बी.टेक की पढ़ाई की और फिर एम.टेक भी किया। बगैर किसी कोचिंग के घर पर पढ़ाई करते हुए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की। राहुल के अनुसार स्वयं के प्रति ईमानदार रहकर बगैर महंगी कोचिंग के भी परीक्षा में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
Created On :   24 May 2023 11:42 AM IST