कंबल बनाने के पारंपरिक व्यवसाय से दूर होता पाल समाज

Pal society moving away from the traditional business of making blankets
कंबल बनाने के पारंपरिक व्यवसाय से दूर होता पाल समाज
मोहन्द्रा कंबल बनाने के पारंपरिक व्यवसाय से दूर होता पाल समाज

डिजिटल डेस्क, मोहन्द्रा.। अन्य पिछड़ा वर्ग से संबद्ध रखने वाले पाल समाज का अपने पारंपरिक व्यवसाय से मोहभंग हो रहा है। भेड़ पालन  और उनके बालों से कंबल बनाने का काम गांव के पाल समाज ने पहले ही बंद कर दिया। अब भेड़ पालन भी यहां विलुप्ति की कगार पर है। मोहन्द्रा कस्बे के अंदर पाल समाज के करीब आधा दर्जन परिवार रहते हैं। सभी परिवार मूल रूप से अपने इसी पुश्तैनी काम से जुड़े तो हैं मगर मजबूरीवश इनके अनुसार अगर इन्हें दैनिक मजदूरी लायक भी कोई काम मिल जाए तो यह काम छोडऩे में उन्हें देर न लगेगी। भेड़ पालन का जो काम ये कर रहे हैं इस महंगाई के युग में उससे गुजारा मुश्किल से हो रहा है। भेड के शरीर से बाल निकाल रहे मलथु पाल ने इस समाचार पत्र को बताया एक व्यस्क भेड़ 4 महीने में करीब 80 से डेढ़ सौ ग्राम तक बाल देती है। बुजुर्ग होने पर इसे 4 से 5 हजार रुपये की कीमत में बेंच दिया जाता है। कम पढ़ा लिखा होने के कारण सरकारी योजनाओं की भी ज्यादा जानकारी नहीं है। हां इतना जरूर है कि भेड़ पालन के लिए शासन की कई योजनाएं हैं पर स्थानीय पशुपालन विभाग द्वारा इन्हें कभी प्रचारित नहीं किया जाता है। पूर्व में बुंदेलखंड पैकेज में कुछ योजनाएं आई थी पर इनका भी लाभ पात्र लोगों की बजाए मोहन्द्रा में केवल नेताओं व उनके चहेतों को ही दिया जाता है। 

Created On :   14 July 2022 11:16 AM GMT

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