नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों की रिटायर उम्र एक साल और बढ़ाने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों की रिटायर उम्र एक साल और बढ़ाने का दिया आदेश
शीर्ष कोर्ट ने मध्यप्रदेश के न्यायिक अधिकारियों की सेवानिवृत्ति उम्र 60 साल से बढ़ाकर 61 साल कर दी, एक ही सरकारी खजाना से मिलता है वेतन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने आज गुरुवार को मध्य प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों की रिटायर उम्र एक साल और बढ़ाने का आदेश दिया है, शीर्ष कोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों की सेवानिवृत्ति उम्र 60 साल से बढ़ाकर 61 साल कर दी। तेलंगाना हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने अंतरिम आदेश पारित किया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा जब राज्य सरकार तैयार है तो न्यायिक अधिकारियों को यह राहत क्यों नहीं दी जानी चाहिए?

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन पेश हुए। उन्होंने जिला अदालत के जजों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा बढ़ाने का विरोध किया। टॉप कोर्ट ने 27 अक्टूबर को मध्य प्रदेश सरकार और उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री से उस पिटीशन पर जवाब मांगा था, जिसमें न्यायिक अधिकारियों की रिटायर उम्र 60 से बढ़ाकर 61 साल करने से इनकार को चुनौती दी गई थी। सीजेआई अध्यक्षता वाली बेंच ने 26 मई को कहा था कि मध्य प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 61 साल करने में कोई कानूनी बाधा नहीं है।

सीजेआई वाली पीठ ने कहा, न्यायिक अधिकारी और राज्य सरकार के बाकी कर्मचारी, दोनों का वेतन एक ही जगह यानी एक ही सरकारी खजाने से मिलता है। कोर्ट ने आगे राज्य सरकार के अन्य कर्मचारियों की रिटायर उम्र 62 साल है। उच्च न्यायालय के जजों और जिला कोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति की उम्र में एक साल का डिफरेंट है। उच्च न्यायालय के जज 62 साल की उम्र में रिटायर होते हैं और अब मध्यप्रदेश में जिला न्यायालय के जजों की सेवानिवृत्ति की उम्र 61 साल हो जाएगी। बेंच ने इस याचिका पर अंतिम सुनवाई के लिए चार हफ्ते बाद की तारीख तय की।

Created On :   20 Nov 2025 1:49 PM IST

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