इसलिए मशहूर हो रहा है ये बुक स्टोर, विंटेज किताबों का है कलेक्शन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जिंदगी में कब किसकी किस्मत बदल जाए इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। माना जाता है कि इंसान मेहनत और आत्मविश्वास से कुछ भी पा सकता है। ये कहानी ऐसे ही एक बुजुर्ग की है जिसकी किस्मत 82 साल की उम्र में बदल गई। जी हां, चेन्नई के रहने वाले एसए गोविंदराजू ने एक पुराने गराज को पुरानी किताबों की दुकान में तब्दील कर दिया। दरअसल 24 साल की उम्र से ही गोविंदराजू को किताबें पढ़ने का बेहद शौक था। उनके पास मौजूद किताबों के कलेक्शन में 18 वीं शताब्दी की किताबें तक शामिल हैं।
पिता की सलाह पर किताबों को सहेजा
उनके स्वर्गीय पिता ने उन्हें इन पुरानी किताबों को संभाल कर रखने की सलाह दी थी और तभी से गोविंदराजू को किताबों से लगाव होने लगा था। जल्द ही चेन्नई के आरए पुरम में उन्होनें किताबों की दुकान खोल ली। ये एक ऐसी दुकान है जिसमें रखी किताबों का कलेक्शन कहीं और ढूंढने पर भी नहीं मिलता। इस दुकान का नाम रखा गया है " रेयर बुक्स ऑन द स्टोर"।
गोविंदराजू के लिए ये कारोबार नहीं है
गोविंदराजू कहते हैं, "मैं नहीं चाहता कि लोग यहां आएं और सौदा करें। उनके लिए ये एक व्यवसाय हो सकता है, लेकिन मेरा लक्ष्य है इन किताबों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना। अगर मेरे पास इस जीवन में बहुत पैसा भी आ जाए तो भी मैं और किताबें खरीदूंगा।
इन किताबों का है कलेक्शन
इस अनोखे बुक स्टोर में अंग्रेजी साहित्य, कविता, कथाएं, क्लासिक तमिल साहित्य और नेशनल ज्योग्राफिक मैगजीन शामिल हैं। गोविंदराजू के कलेक्शन्स की इतनी प्रशंसा की गई है कि उन्होंने जब मद्रास बुक फेयर में स्टॉल लगाया था तब उनकी एक किताब 88,000 रुपये में बिकी थी।
Created On :   1 Jun 2018 3:19 PM IST