जिला अस्पताल में चार पैर का बच्चा बना कौतूहल, लाखों में एक होता है ऐंसा

a baby born with four legs in chhindwara district government hospital
जिला अस्पताल में चार पैर का बच्चा बना कौतूहल, लाखों में एक होता है ऐंसा
जिला अस्पताल में चार पैर का बच्चा बना कौतूहल, लाखों में एक होता है ऐंसा

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल में पिछली दरम्यानी रात तामिया क्षेत्र की एक आदिवासी महिला ने विचित्र बच्चे को जन्म दिया। इस बच्चे के चार पैर थे और शरीर पूरी तरह से विकसित नही हुआ था। विचित्र शिशु का प्रसव मृत अवस्था में ही हुआ था। तामिया के ग्राम रंगवानी निवासी एक महिला महाबती पति कमलेश नर्रे को 2 दिसंबर को प्रथम प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।  दरम्यानी रात लगभग 12.10 बजे महाबती ने एक विचित्र बालक को जन्म दिया। इस बालक के चार पैर थे जो एक ही शरीर से जुड़े हुए थे। विचित्र बालक के जन्म लेने की खबर रात में ही पूरे अस्पताल में फैल गई और इस बालक को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। हालांकि बच्चा मृत ही जन्मा था, जिसे सुबह उसके परिजनों ने दफना दिया है।

अनडेवलप्ड ट्विन्स के कारण बनी स्थिति
मेडिकल विशेषज्ञों की मानें तो मेडिकल साइंस में इस तरह के शिशु को सियामी ट्विन्स कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि महिला ने जुड़वा बच्चों का गर्भधारण किया था। लेकिन माता के गर्भ में इन दोनों बच्चों को जब अलग-अलग होना था, ये अलग नहीं हुए। एक साथ चिपके रहे जिसके कारण बच्चे की ग्रोथ एक साथ हुई और दोनों ही बच्चे अपरिपक्व रहे। ऐसा एक लाख में एक बच्चे के साथ होता है।

शाम तक था बच्चे का मूवमेंट, फिर अचानक रूकी धड़कन
जिला अस्पताल में दो दिसंबर को ही भर्ती कराई गई महिला की जांच डॉक्टरों ने की थी। इस दौरान शाम तक बच्चा जिवित था और उसकी धड़कन चल रही थी, लेकिन रात में अचानक बच्चे का मूवमेंट बंद हो गया था और महिला को प्रसव पीड़ा शुरु हो गई थी। डॉक्टरों ने जब प्रसव कराया तो बच्चा मृत था।

जांच होती तो पहले ही पता चल जाता अनडेवलप्ड है शिशु
मेडिकल विशेषज्ञों की मानें तो शिशु पूरी तरह से अनडेवलप्ड था। वह जीवित भी जन्म लेता तो ज्यादा समय तक जीवित नही रह पाता। यह बात पहले भी पता चल सकती थी, यदि गर्भवती महिला की जांच हुई होती। इस मामले ने मेडिकल विभाग के द्वारा तीन स्तर पर की जाने वाली गर्भवती महिलाओं की जांच योजना की कलई खोल दी है। इस महिला की जांच भी प्राथमिक स्वास्थ केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर जिला स्तर पर की जानी थी जो नही हुई है।

इनका है कहना
ट्विन्स बच्चे होते हैं जिनका बाद में ओवन डिवाईड नहीं हो पाता तब ऐसी स्थिति बनती है, इस मामले में बच्चे के पैर तो डेवलप हो गए, लेकिन बाकी शरीर अविकसित रह गया। यह स्थिति लाखों में एक गर्भधारण में बनती है।
डॉ. सुशील दुबे, आरएमओ जिला अस्पताल

 

Created On :   4 Dec 2018 6:23 PM IST

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