इंजीनियर ने पेड़ पर बनाया अपना आशियाना, लिम्का बुक ऑफ रिकॉड्स में दर्ज हुआ नाम
डिजिटल डेस्क, उदयपुर । एक घर बनाने में कम से कम कितने लोगों की जरूरत होती है। अगर काम जल्दी करना हो तो कम से कम 15 और आराम से मकान बनना हो तो भी कम से कम 5 लोग हर दिन चाहिए ही होते हैं, लेकिन एक सिविल इंजीनियर ने अकेले ही घर बनाने का कारनामा कर दिया। घर भी इतना बड़ा जिसे बनाने कम से कम 10 से 15 लोगों की टीम की जरूरत होती है। अब आप सोच रहे होंगे की अगर एक सिविल इंजीनियर ने अकेले घर बना भी दिया तो इसमें कौनसी बड़ी बात है। हम आपको बता दें कि इस जीनियस इंजीनियर ने ये घर जमीन पर नहीं बल्कि पेड़ पर बनाया है। इतना ही नहीं इस घर में केवल खिड़की दरवाजे ही नहीं बल्की सारी सुख-सुविधाएं भी हैं।
इंजीनियर का नाम के के.पी. सिंह है जो उदयपुर के रहने वाले हैं। इस काम के लिए उन्हें हर जगह से प्रशंसा मिल रही है और उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉड्स में भी दर्ज हो गया है। के के.पी. सिंह ने आईआईटी कानपुर से पढ़ाई की है और उदयपुर में एक आम के पेड़ पर अपना चार मंजिला मकान बनाया है जो की सारी सुविधाओं से युक्त है। इस घर को हवा महल भी कहा जाता है क्योंकि ये जमीन से 9 फीट ऊपर बना है।
पेड़ को कोई हानि नहीं
के.पी. सिंह ने घर बनाने में पेड़ या उसकी टहनियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया बल्कि उसका बहुत अच्छा इस्तेमाल किया है । टहनियों को टी वी स्टैंड और टैबल के रूप में बना दिया गया है । पेड़ का तना आरै उसकी शाखाऐं घर सारी दीवारों से निकलती है।
लोगों उड़ाई थी हँसी
यह मकान के पी सिंह ने सन् 2000 में बनाया था और यह पेड़ लगभग 87 साल पुराना है। जब उन्होंने यह घोषित किया की वे इसी आम के पेड़ पर घर बनाएंगे, तब उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। लोगों ने कहा की ये एक ऐसा सपना है जो कभी संभव ना हो पाएगा। इतने सब के बावजूद सिंह ने हौसला नहीं टूटने दिया और खुद पर विश्वास रख कर पेड़ पर घर बना ही दिया और सच में यह घर किसी भी तरह से महल से कम नहीं है।
Created On :   15 Jun 2018 12:33 PM IST