मियाकेजीमा इजू आइलैंड दुनिया के खतरनाक द्वीपों में से एक है। इस द्वीप पर जहरीली गैसों की मात्रा सामान्य से बहुत अधिक स्तर पर पहुंच गई है। इस वजह से यहां पर लोग हर समय मास्क पहने रहते हैं। दरअसल, यहां पिछली एक सदी में कई ज्वालामुखी विस्फोट हो चुके हैं। साल 2000 में भी एक भयंकर विस्फोट हुआ था, जिसमें लावा के साथ-साथ भारी मात्रा में जहरीली गैसें निकली थीं। हालांकि, बाद में ज्वालामुखी तो शांत हो गया लेकिन जहरीली गैसों का निकलना नहीं बंद हुआ। इसके बाद से ही इस आइलैंड पर आना लोग कतई नहीं पसंद करते हैं।
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- Ajab gajab: These five dangerous islands of the world, where death hovers all the time
दैनिक भास्कर हिंदी: अजब-गजब: दुनिया के यह पांच खतरनाक आइलैंड, जहां हर समय मंडराती है मौत
डिजिटल डेस्क। प्रकृति का अद्भुत नजारा देखने के लिए या फिर छुट्टियां बिताने के लिए अक्सर लोग किसी न किसी आइलैंड (द्वीप) पर घूमने जाते हैं। आइलैंड की खूबसूरती ऐसी होती है, जो किसी का मन मोह लेती है। लेकिन कई आइलैंड ऐसे भी हैं, जहां पर न जाना ही बेहतर है। खूबसूरत होने के साथ-साथ ये द्वीप बेहद ही खतरनाक हैं। आज हम आपको दुनिया के 5 ऐसे द्वीपों के बारे में बताएंगे, जहां जाने का मतलब मौत को गले लगाना है।


प्रोवेग्लिया आइलैंड को 'मौत का आइलैंड' कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सैकड़ों साल पहले इस आइलैंड पर लाखों लोगों को जिंदा जला दिया गया था। उसी समय से यह आइलैंड पूरी तरह से वीरान हो गया। प्रोवेग्लिया आइलैंड को लोग भूतहा आइलैंड भी मानते हैं। माना जाता है कि इस आइलैंड पर जाने वाले लोग लौटकर वापस नहीं आ पाते हैं।

यह आइलैंड दुनिया के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है, लेकिन यहां जाना काफी खतरनाक होता है। इसके पीछे की वजह यहां शार्क मछलियां हैं। यह खतरनाक मछलियां लोगों को पल भर में मौत की नींद सुला देती हैं। सुरक्षा के लिहाज से इस आइलैंड के लगभग आधे से ज्यादा तटों पर तैराकी की मनाही है।

कैरिबियाई समुद्र के बीच में स्थित साबा आइलैंड देखने में काफी खूबसूरत है। महज 13 स्क्वायर किलोमीटर में फैले इस आइलैंड पर करीब 2000 लोग रहते हैं। यहां अक्सर समुद्री तूफान और भूकंप आते रहते हैं। साल 1997 के बाद से इस आइलैंड पर भूकंप के झटके काफी बढ़ गए हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां कभी भी भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट हो सकता है।

स्कॉटलैंड के ग्रुइनार्ड की खाड़ी में बसे ग्रुइनार्ड आइलैंड को भी काफी खतरनाक माना जाता है। दरअसल, द्वितीय विश्वयुद्ध के समय ब्रिटेन ने इस आइलैंड पर एंथ्रेक्स नाम के एक जहरीले गैस का परीक्षण किया था, जिसकी वजह से यह जगह जहरीली हो गई है। इस गैस की चपेट में अगर कोई आ जाए तो उसकी मौत लगभग निश्चित है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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