मछलियों को भी चाहिए होता है सोने के लिए ब्रेक, इस तरह से करती हैं आराम
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। अगर आपने किसी भी मछली को एक्वेरियम में देखा होगा तो ज्यादा वक्त मछलियांं तैरते हुए ही देखाई देती हैं। ऐसा लगता है, जैसे वो कभी नहीं रुकती होगी, लेकिन असल में उन्हें भी समय-समय पर आराम की जरूरत होती है। जी हां, ये बात सच है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि मछलियां भी आराम करती है। इंसानो की तरह उनकी पलके नहीं होती, इस वजह से हमे कभी पता ही नहीं चलता।
थोड़ी-थोड़ी देर में करती है आराम
अगर आपने कभी गौर से देखा होगा तो मछलीया भी कई बार बीच-बीच में आराम कर लेती है। असल में कुछ शार्क को छोड़कर मछलीयों की पलखे नहीं होती जिस वजह से उनकी आंखे हमेशा खुली दिखाई देती है। मछलीया दिन या रात में किसी भी समय सो सकती हैं।
इस तरह से सोती है मछली
मछलीयों की नींद इंसानो के दोपहर की नींद की तरह होती है। अगर आपने कभी गोलडफिश को पाला है या उसे नजदीक से देखा है, तो आपने ध्यान दिया होगा की सोते वक्त ये मछली टैंक के नीचे एक ही पोजीशन में रहती है। इतना ही नहीं इस समय अगर आप टैंक में भोजन डालते हैं तो ये कई बार रिस्पोन्स नहीं करती।
तैरते हुए ही सो लेती है मछलियां
कई बार मछलीयों को देखते वक्त लोगों को लगता है कि वो जाग रही हैं, क्योंकि वो उस समय भी आगे बढ़ रही होती हैं। मगर ज्यादातर मछलियों को सोते समय भी चलने की जरूरत होती है, ताकि वो अपने शरीर में ऑक्सीजन की सही मात्रा बनाए रखें।
सोने के लिए है मशहूर ये मछलियां
कुछ मछलियां सोने के लिए ही मशहूर है। कोरल रीफ के पास रहने वाली मछली पूरे दिन एक्टिव रहती है लेकिन रात में शिकारीयों से बचने के लिए वो चट्टानों में छिप जाती है।
ये मछली सोने के लिए अपना खुद का तकीया बनाती है
मछली कभी सोने के लिए तकियें का उपयोग नहीं करती, लेकिन पेरट मछली एक प्रकार के स्लीपींग बैग का इस्तेमाल करती है। ये पेरट मछली अपने ही म्यूकस से जैली समान दिखने वाला एक स्लीपींग बैग तैयार करती है। जब आराम करने का समय होता है, तो पेरट मछली शिकारियों से बचने के लिए खुद को जेली स्लीपींग बैग से घेर लेती है और सो जाती है।
Created On :   23 April 2018 3:06 PM IST