एशिया के इस जगह से हुई थी मेरिजुआना (चरस) की शुरुआत
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। चरस, गांजा या वीड जैसे ड्रग्स युवाओं में काफी मशहूर है। बढ़ती तकनीक ने हमारे फिजीकल कामों को तो कम कर दिया स्ट्रेस और टेंशन को भी न्योता दे दिया है। बच्चो के कंधो पर पढ़ाई और होमवर्क का बोझ और युवाओ के कंधो पर चंद पैसे कमाने के लिए दिन-रात काम करने का बोझ बढ़ता ही चला जा रहा है। ऐसे में कई युवा अपने स्ट्रेस को कम करने के लिए या तो शराब का सहारा लेते है नहीं तो ड्रग्स की लत लगा लेते हैं। प्राचीन काल में मेरिजुआना इसके फायदे के लिए जानी जाती थी, लेकिन रोज-रोज की लत की वजह से अब युवाओ को इसके कारण कई बिमारीयों का सामना करना पड़ रहा है।
इस जगह से हुई थी शुरुआत
अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका में आने से पहले कैनाबिस या हेम्प पौधा (मेरिजुआना) मूल रूप से मध्य एशिया में विकसित हुआ था। हेम्प पौधे का इस्तेमाल कपड़े, कागज, और रस्सी बनाने के लिए किया जाता था और इसके बीज का इस्तेमाल भोजन के रूप में किया जाता था।
टीएचसी रसायन दिमागी प्रभावो के लिए होता है जिम्मेदार
हेम्प (मेरिजुआना) एक तेजी से बढ़ता हुआ पौधा है, इस वजह से इसकी खेती करना काफी आसान होता हैं। शुरुआती दिनों में हेम्प के पौधों में टेट्राहाईड्रोकैनाबाईनोल (टीएचसी) का स्तर बहुत कम रहता था। ये मारिजुआना का वो रसायन है जो दिमागी-परिवर्तनकारी प्रभावों के लिए जिम्मेदार होता है।
टीएचसी स्तर को बढ़ाने के लिए की जाती थी अलग किस्म की खेती
रिसर्च के मुताबिक प्राचीन संस्कृतियों को कैनाबीस (हेम्प) चिकित्सक गुणों के बारे में पता था, इसीलिए धार्मिक समारोह या उपचार अभ्यास में इसके इस्तेमाल के लिए टीएचसी के स्तर को बढ़ाने के लिए अलग किस्म की खेती की जाती थी।
हार्ट अटेक की बढ़ती है संभावना
मेरिजुआना (चरस) धूम्रपान करने से, शुरुआती घंटे के दौरान दिल के दौरे का जोखिम सामान्य जोखिम से लगभग पांच गुना ज्यादा बड़ जाता है। दरअसल मेरिजुआना स्मोक करने की वजह से ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है और ब्लड सही तरीके से ऑक्सीजन सपलाई नहीं कर पाता है।
वजन कम करने वाले लोगो के लिए नहीं है सही
मेरिजुआना लेने की वजह से पाचन क्रिया में समस्या आती है इतना ही नहीं लिवर पर भी इसका बुरा असर होता है। उलटी और कमजोरी जैसी शिकायत हमेशा रहती है। मेरिजुआना को किसी भी रूप में लेने से आपकी भूख में वृद्धि होती है। वजन कम करने वाले लोगों के लिए इसका सेवन किसी भी रूप में करना सही नहीं है।
कैंसर का रहता है खतरा
मेरिजुआना धूम्रपान में टार, तंम्बाकु के मुकाबले तीन गुना ज्यादा अधिक होता है और 50 प्रतिशत से ज्यादा कार्सीनोजन्स पाया जाता है। इसी वजह से मेरिजुआना धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
Created On :   22 April 2018 11:30 AM IST