इस देश में मर्दों को पसंद है मोटी बीवी, इसलिए लड़कियां पी रहीं केमिकल

Mauritania Men likes Fat wife,girls Drinking chemical to gain weight
इस देश में मर्दों को पसंद है मोटी बीवी, इसलिए लड़कियां पी रहीं केमिकल
इस देश में मर्दों को पसंद है मोटी बीवी, इसलिए लड़कियां पी रहीं केमिकल

डिजिटल डेस्क। अफ्रीका का एक देश ऐसा भी है जहां पर महिलाओं को आकर्षक बनाने के लिए एक दिन में 16,000 तक कैलोरी की भारी-भरकम डाइट लेने पर मजबूर किया जाता है। "चैनल्स 4 अनरिपोर्टेड वर्ल्ड" की नई डॉक्यूमेंट्री में यह चौंकाने वाली कहानी सामने आई है। मॉरीटेनिया में लड़कियों का मोटा होना संपन्नता और खूबसूरती का सबसे बड़ा पैमाना है और इस पैमाने के अनुरूप ढलने के लिए लड़कियों को तमाम तरह के अमानवीय हथकंडों से होकर गुजरना पड़ रहा है। मॉरीटेनिया में दो महीने का एक "फीडिंग सीजन" होता है जिसमें 11 साल की लड़कियों को मोटा करने के लिए ऊंट का दूध, पॉरिएज जैसी चीजें खिलाई जाती हैं ताकि वो वजन बढ़ा सकें और पुरुषों के लिए आकर्षक बन सकें। फीडिंग सीजन में कईद किलो तक दूध और पॉरिएज खिलाया जाता है।

 

दुखद ये है कि लड़कियों की मां ही उन्हें जबरदस्ती खाने पर मजबूर करती हैं। चाहे खाते-खाते उनका पेट दर्द करने लगे और उनका खाने का बिल्कुल मन ना करे, फिर भी लड़कियों को जबरदस्ती खाना खिलाया जाता है। मां ऐसा इस उम्मीद में करती हैं कि उनकी बेटी पुरुषों को ज्यादा आकर्षित लगेगी और उसकी शादी करने में आसानी होगी। गरीब परिवारों में जब खाने की कमी होती है तो वहां और भी ज्यादा खतरनाक तरीका अपनाया जाता है। वो अपनी बच्चियों को जानवरों को मोटा करने वाले कैमिकल का सेवन करने पर मजूबर करते हैं। अगर खाना पर्याप्त हो तब भी परिवार के कुछ सदस्य बिना खाए रह जाते हैं ताकि उनके घर की लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा खाना मिल सके।


मॉरीटेनिया में करीब एक-चौथाई लड़कियों को ज्यादा खाने पर मजबूर किया जाता है। गांवों में तो हालत और भी ज्यादा बदतर है। इतनी ज्यादा कैलोरी की डाइट लेने से बच्चियों को डायबिटीज, हार्ट की बीमारियां और किडनी फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है। बच्चियों को ब्रेकफास्ट में 3000 कैलोरी, लंच में 4000 कैलोरी और डिनर में 2000 कैलोरी (कुल 9000 कैलोरी) दी जाती है। जबकि एनएचएस के मानकों के मुताबिक 10 साल की बच्चियों के लिए 1900 कैलोरी की खुराक पर्याप्त है। फीडिंग सीजन में लड़कियों को सबसे पहले एक लीटर ऊंट का दूध पीना पड़ता है और फिर उसके बाद पॉरिज और कॉसकस खाना पड़ता है। 3000 कैलोरी के ब्रेकफास्ट को पचाने के लिए उन्हें सिर्फ दो घंटे का वक्त दिया जाता है।


जहां पूरी दुनिया की लड़किया छरहरी काया पाने के लिए जीतोड़ मेहनत करती है, वहीं इस देश में पतली लड़कियां खुद को आकर्षक नहीं मानती है। एक घंटे बाद मोने और हेंदू 4000 कैलोरी वाला लंच करते हैं। हेंदू की मां फातिमातऊ एक डंडा लेकर खड़ी रहती हैं ताकि कोई भी लड़की खाते-खाते रुके नहीं। वो बताती हैं, "अगर मेरी बेटी खाने से मना करती हैं तो मैं उसे कसकर पकड़ती हूं और उसे दोस्तों की तरफ नहीं देखने देती हूं। अगर वह तब भी नहीं मानती है तो मैं उसे बांध देती हूं।" मोने और हेंदू की डाइट 9000 कैलोरी की होती है जो 30 चीजबर्गरों के बराबर और एक हैवीवेट बॉक्सर की डाइट का दोगुना है। वैसे तो हर समाज में लड़कियों पर खूबसूरत दिखने का दबाव होता है लेकिन यहां छोटी-छोटी बच्चियों को जो प्रताड़ना और दर्द सहना पड़ रहा है, वो भयावह है। ज्यादा खाने की वजह से इन बच्चियों के लिए स्वास्थ्य खतरे भी पैदा हो रहे हैं।

  

Created On :   10 Dec 2018 10:18 AM IST

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