ज्ञानी चोर की बावड़ी, लाहौर तक जाती है इसके अंदर बनी सुरंग
डिजिटल डेस्क, रोहतक। रहस्यमयी मंदिरों, गुफओं और किलों की भारत देश में कमी नही है। कई ऐसे भी स्थान है जहों खजाना छिपा होने की बात कही जाती है। आज हम आपको एक बावड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे चोरों की बावड़ी नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यह इतनी रहस्यात्मक है कि इसके बारे में सबकुछ आज तक कोई नहीं जान पाया। इसे स्वर्ग का झरना भी कहा जाता है। ये बावड़ी रोहतक के समीप स्थित महम गांव में मौजूद है। इसे लेकर कई कई किस्से कहानियां क्षेत्र में प्रचलित हैं।
इस बावड़ी के अंदर अनेक सुरंगे बनी हुइ हैं ये इतनी लंबी हैं कि दिल्ली से हिसाब और लाहौर तक जाती हैं। हालांकि इतिहासकार इस संबंध में कुछ नही कहते। बावड़ी के पास ही एक अभिलेख लगा हुआ है जिस पर फारसी भाषा में अंकित है कि इसका निर्माण 1658-59 ई. में मुगल राजा शाहजहां के सूबेदार सैद्यू कलाल ने करवाया था।
अंदर ही बने हुए हैं कई कमरे
बावड़ी के अंदर ही एक कुआं भी बना हुआ है। जिसमें नीचे तक पहुंचने के लिए 101 सीढ़ियां उतरना होती हैं। अंदर ही कई कमरे भी बने हुए हैं। जहां आराम की व्यवस्था भी करायी गई थी। ये कमरे अंदर से ठंडक देते हैं। यह मुसाफिरों के आराम के लिए यहां बनवाए गए थे। बावड़ी के अंदर जाने पर नजार किसी फिल्म के सेट की तरह लगता है। कुएं के अंदर पानी अब काफी खतरनाक व काला दिखाई देता है।
जमीन में कई फीट तक नीचे
इसे लेकर एक कहानी भी प्रचलित है जिसके अनुसार ज्ञानी नाम का एक चोर था जो धनवानों को लूटता था, लेकिन जब भी उसे पकड़ने का प्रयास किया जाता वह बावड़ी में कूदकर गायब हो जाता था। इसके बाद जो अंदर गया वह कभी बाहर नही आ पाता था और ना ही वह ज्ञानी चोर कभी पकड़ में आया। यह जमीन में कई फीट तक नीचे बनी हुई है। एक बार यहां से एक बारात गायब हो गई थी जो सुरंग के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहती थी। कहा जाता है कि इसके बाद ही अंग्रेजों ने इसे बंद करा दिया था।
Created On :   2 Dec 2017 11:06 AM IST