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दैनिक भास्कर हिंदी: अजब-गजब: टाइम ट्रैवल में माहिर था यह वैज्ञानिक, अचानक हो जाता था गायब

डिजिटल डेस्क। टाइम ट्रैवल के एक विषय है जिसके बारे में आपने सुना या पढ़ा होगा। जिसमें लोग भूतकाल और भविष्यकाल में जा सकते हैं। ये गुत्थी आजतक लोगों के लिए एक रहस्यमयी विषय है। ऐसे में यूनाइटेड स्टेट के महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने इसके लिए एक खास मशीन बनाई थी। बताया जाता है कि, वे अचानक अपनी जगह से गायब हो जाया करते थे। उनके इन सभी कारनामों की वजह से लोग उन्हें रहस्यमयी मानते थे। साल 1856 में पैदा हुए निकोला टेस्ला ने दुनिया के लिए कई अहम आविष्कार किए। जिससे लोगों को काफी फायदा मिला। इनमें इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स से लेकर कई दूसरी जरूरत की चीजें शामिल हैं। वे एक वैज्ञानिक होने के साथ सफल केनिकल, इलेक्ट्रिकल और फिजिकल इंजीनियर भी थे। निकोला टेस्ला ने दावा किया था कि वे टाइम ट्रैवल में सफल हुए हैं। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करने के लिए एक किताब भी लिखी थी।
टेस्ला ने अपने इस हुनर का प्रयोग 4 अक्टूबर 1943 में एक लड़ाकू जहाज यूएसएस-एल्ड्रिज पर किया था। इस प्रयोग को फिलाडेल्फिया डॉकयार्ड पर किया गया। टेस्ला के साथ इस काम में दूसरे वैज्ञानिकों ने भी मदद की। बताया जाता है कि जहाज को गायब कर नाजियों को चकमा देने के लिए जहाज के चारों तरफ कई हजार वोल्ट के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कॉइल लगाए गए थे। धीरे-धीरे उस जहाज पर लगाए हुए जनरेटर की मदद से बिजली की वोल्टेज बढ़ाई जाने लगी। जैसे ही बिजली साढ़े तीन मिलियन के पार पहुंची तो एक हरे रंग की रौशनी हुई और जहाज पूरी तरह से 'अदृश्य' हो गया। उसे वहां मौजूद रडार भी ट्रैक नहीं कर पाया। कुछ लोगों का कहना है कि जहाज को बाद में वर्जीनिया में देखा गया। जहाज में मौजूद ज्यादातार क्रू-मेंबर्स की मौत हो चुकी थी। जबकि जो लोग ठीक थे उनकी दिमागी हालात खराब हो चुकी थी। माना जाता है कि ये सभी समय यात्रा करके लौटे हैं।
जहाज में सफर करने वाले कुछ यात्रियों का दावा था कि जहाज साल 1943 में गायब हुआ था। जबकि वे साल 1983 के समय में पहुंच गए थे। तब दुनिया काफी डेवलप हो गई थी। टाइम ट्रैवल की इस गुत्थी को सुलझाने के सिलसिले में मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी एक थ्योरी दी थी। उन्होंने सन 1915 में 'थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी' में समय और गति के बीच के संबंध को समझाया गया था। निकोला टेस्ला ने भी ये दावा किया था कि उन्होंने एक ही समय में भूत, भविष्य और वर्तमान देखा है।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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