- ब्रिस्बेन टेस्ट : गाबा में भारत की ऐतिहासिक जीत
- गुजरात के सूरत में फुटपाथ पर सो रहे 18 लोगों को ट्रक ने कुचला, 13 की मौत
- सामना में शिवसेना का तंज- ED, CBI, आयकर विभाग को बताया बीजेपी का वर्कर
- दिल्ली: कोहरे के कारण देरी से चल रही हैं 16 ट्रेनें- नॉदर्न रेलवे
- एक लाख बाइकर्स किसान तिरंगा यात्रा में हो सकते हैं शामिल, मिली खुफिया जानकारी
जन्म लेते ही बच्ची को ऑफर हुई जॉब, खाना भी मिलेगा फ्री
डिजिटल डेस्क, टेक्सास। आपने कई बार सुना होगा कि अक्सर ट्रेन या प्लेन में सफर के दौरान जब कोई महिला बच्चे को जन्म देती हैं तो बच्चे का ट्रेन या हवाई सफर आजीवन मुफ्त रहता है, लेकिन हाल ही में जब अमेरिका में एक महिला ने एक रेस्टोरेंट में बच्ची को जन्म दिया तो उस बच्ची को आजीवन उस रेस्टोरेंट में खाना मुफ्त देने की घोषणा कर दी गई। इतना ही नहीं बच्ची के बड़े होने पर उसे जॉब भी देने का वादा किया गया है। दरसअसल अमेरिका के एक रेस्टोरेंट के वॉशरूम में 17 जुलाई को एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया। जिसके बाद रेस्टोरेंट ने फेसबुक पर एक क्यूट सी बेबी गर्ल की फोटो शेयर करते हुए कहा, 'हम सिर्फ फूड डिलिवर नहीं करते हैं बल्कि बेबी की डिलिवरी में भी मदद करते हैं।'
मामला अमेरिका के टेक्सास के सैन एंटोनियो में स्थित Chick-fil-A स्टोर का है। ये स्टोर रात के समय जब बंद होने वाला था तभी किसी ने उनका दरवाजा खटखटाया। Chick-fil-A के स्टाफ ने जैसे ही दरवाजा खोला आने वाले कुछ मिनटों ऐसा हुआ जो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। बच्ची के पिता रॉबर्ट ग्रिफिन ने स्टोरी फेसबुक पर शेयर की। तब से ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई है। रॉबर्ट ग्रिफिन के इस फेसबुक पोस्ट को 3 लाख से ज्यादा ज्यादा लाइक मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि वो अपनी पत्नी मैगी के साथ अस्पताल जा रहे थे। बीच रास्ते में वो अपनी बड़ी बेटी को Chick-fil-A रेस्टोरेंट पर उसके दोस्त के साथ छोड़ने के लिए रुके। रेस्टोरेंट में उनकी पत्नी मैगी बाथरूम गई। जब रॉबर्ट अपनी बेटी को दोस्त के पास छोड़कर वापस रेस्टोरेंट आए। मैनेजर ने कहा कि वो रेस्टरूम में हैं और दर्द से चीख रही हैं।'
स्टाफ डिलीवरी में की मदद
रॉबर्ट ने फौरन मैनेजर को 911 पर कॉल करने और एक साफ तौलिया लाने को कहा। इसके बाद रेस्टोरेंट के स्टाफ ने रॉबर्ट की बेबी डिलीवरी में मदद की। मैगी और बेबी गर्ल दोनों स्वस्थ थे।
बच्ची को मिलेगा खाना और जॉब
एक रिपोर्ट के मुताबिक रेस्टोरेंट फ्रेंचाइज की ओर से बेबी गर्ल को लाइफ टाइम फ्री फूड का ऑफर दिया गया है। इतना ही नहीं ये भी कहा गया है कि जब बच्ची बड़ी हो जाएगी तो वह वहां जॉब भी कर सकती है।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।