अमेरिका का ये उबलता हुआ ज्वालामुखी दे रहा है खतरे की चेतावनी 

अमेरिका का ये उबलता हुआ ज्वालामुखी दे रहा है खतरे की चेतावनी 

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। आपने कई बार ज्वालामुखी के बारे मे सुना होगा। इतना ही नही उसके दिल दहलाने वाले अंजामों से भी आप अच्छी तरह वाकिफ होंगे। अमेरिका का ये येलोस्टोन ज्वालामुखी पूरी दुनिया मे कहर ढाने के लिए तयार हो रहा है। ये ज्वालामुखी येलोस्टोन नेशनल पार्क के आस-पास रहने वालो के लिए खतरा बनते जा रहा है। जानिए कैसे। 

येलोस्टोन ज्वालामुखी का इतिहास

येलोस्टोन नेशनल पार्क मे तीन बड़े ज्वालामुखी विस्फोट हो चुके हैं। पहला विस्फोट 2 लाख साल पहले , दुसरा विस्फोट 1 लाख साल पहले और तीसरा 64,000 साल पहले हुआ था। इस विशाल विस्फोट कि वजह से यहां पर लगभग 60 कमी तक क्रेटर बन गया है। अब ये ज्वालामुखी हर 60,000 - 80,000 वर्षो मे फूटती है। येलोस्टोन के कई जल-तापीय विशेषताएं जमीन के नीचे की गर्मी का प्रमाण देते हैं। इतना ही नहीं यहां पर कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। आप यकीन करे या ना करें यहां पर करीब 1000-3000 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं।

बढ़ती जा रही है केल्डेरा की ऊंचाई

हाल ही में, भूवैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में भूकंपों में बढ़ोतरी होने की संभावनांए जताई हैं। साथ ही केल्डेरा की बढ़ती ऊंचाई- 2.8 इंच प्रति वर्ष और मैग्मा का बढ़ता प्रवाह कोई वीशाल संकट की ओर इशारा कर रहा है। भविष्य में अगर येलोस्टोन मे विस्फोट होता है तो ये विस्फोट 1980 मे हुए माउंट सेंट हेलेन्स विस्फोट से 6,000 गुना अधिक शक्तिशाली हो सकता है। इस विस्फोट में 57 लोग मारे गए थे और ग्यारह विभिन्न राज्यों और 5 कनाडाई प्रांतों ने राख की चादर ओढ़ ली थी।

पर्यावरण पर पड़ सकता है बुरा प्रभाव

ज्वालामुखी के फुटते वक्त कई तरह की गेस निकलती है जिनमे से सल्फर डाइऑक्साइड भी एक है। ये गेस एक एयरोसोल का निर्माण करती है, जो सूर्य के प्रकाश को एबसोर्ब करता है। इस गैस के परिणाम स्वरूप वातावरण मे एक ठंडा प्रभाव पड़ सकता है और ये लगभग एक दशक तक यूं ही चलता रहेगा। इस बदलाव का पर्यावरण पर भारी प्रभाव होगा। जैसे- वर्षा मे कुछ बदलाव होना साथ ही पेड़ों और फसल को भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

Created On :   6 April 2018 9:59 AM GMT

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