जान के हैरान रह जाएंगे, ऐसी क्रूरता से हुई थी वेलेंटाइन्स डे की शुरुआत
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। आज के दौर में वेलेंटाइन्स डे पूरी दुनिया भर में मशहूर हो चुका है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका को प्रपोज करता है तो वो इनकार नहीं करती। प्यार के इस दिन को लोग फूल, कैंडी और चॉकलेट्स के साथ मनाते हैं। वेलेन्टाइन्स डे जितना अच्छा आज लगता है इसकी शुरुआत उतनी ही दर्दनाक हुई थी।
ऐसे हुई थी वेलेंटाइन्स डे की शुरुआत
इतिहास में देखें तो हर साल 13 से 15 फरवरी तक रोमन लोग ल्यूपरकेलिया पर्व मनाते थे। इस पर्व में एक बकरी और एक कुत्ते की बलि चढ़ाई जाती थी। फर्टीलिटी के लिए बकरी का बलिदान दिया जाता था और शुद्धिकरण के लिए कुत्ते की बलि चढ़ाना आम बात थी। इसके बाद बलि चढ़ाए गए जानवरों की चमड़ी से महिलाओं को मारा जाता था।
इस तरह मनाया जाता था ये पर्व
प्राचीन रोमवासियों की मान्यता थी कि इस पर्व के दौरान युवा महिलाओं को मारने से उनकी प्रजनन क्षमता में बढ़ोतरी होती है। इस पर्व के समय रोमन नशा करते थे और नग्न अवस्था में रहते थे। युवा महिलाएं पुरुषों के सामने लाइन लगाकर खड़ी रहती थी और फिर उन्हें मारा जाता था।
इतना ही नहीं इस उत्सव के दौरान युवा पुरुष एक जार में महिलाओं के नाम का पर्चा डाल दिया करते थे। बाद में पर्चियों के हिसाब से जिस भी जोड़ी का नाम आता उसे साल भर साथ रहना होता था, वहीं अगर वो जोड़ा एक दूसरे के साथ खुश रहता तो वो जिन्दगी भर भी साथ रह सकता था।
सम्राट क्लॉडियस का राज
उन दिनों सम्राट क्लॉडियस का राज था। इसी दौरान सेंट वेलेंटाइन युवा प्रेमियों को शादी के बन्धन में बांधते थे। सम्राट का मानना था कि एक अकेला पुरुष बेहतर सैनिक बन सकता है इसीलिए उसने युवा लोगों की शादी करने के लिए इसे अवैध बनाने का फैसला किया। जैसे ही उन्हें ये बात पता चली की वेलेंटाइन युवा प्रेमियों की शादी कराने मे मदद कर रहा है, सम्राट क्लॉडियस द्वितीय ने 14 फरवरी को वेलेंटाइन को मारने की सजा सुना दी।
संत वेलेंटाइन को शादी पर था भरोसा
वेलेंटाइन इस बात पर विश्वास नहीं करते थे कि किसी व्यक्ति का शादी करने का अधिकार सरकार द्वारा अस्वीकार कर दिया जाए और दूसरी ओर उन्होंने महसूस किया कि ईसाइयों को एक समय के दौरान अन्य ईसाइयों से शादी करनी पड़ती है। ये चर्च को मजबूत करने का अच्छा तरीका है।
इसी के बाद मनाया गया "सेंट वेलेंटाइन डे"
संत वेलेंटाइन की हत्या के बाद से कैथोलिक चर्च द्वारा सेंट वेलेंटाइन डे उत्सव को मनाया जाने लगा। बाद में, पोप गेलसियस प्रथम ने 5वीं शताब्दी में ल्यूपरकेलिया की बजाय सेंट वेलेंटाइन डे मनाने की बात कहीं।
औद्योगिक क्रांति के बाद आया क्रेज
कई साल बीत गए, चौसर और शेक्सपियर इस त्योहार को रोमांस के रूप में दर्शाने लगें और ये पूरे ब्रिटेन और यूरोप के बाकी हिस्सों में मशहूर हो गया।
आखिरकार, इस परंपरा ने नई दुनिया में अपना रास्ता बना लिया। औद्योगिक क्रांति की वजह से 19वीं शताब्दी में कारखाने में छपे खूबसूरत और रोमांटिक कार्ड बनने लगे और धीरे-धीरे ये हर जगह मशहूर होने लगे। इसी तरह वेलेंटाइन्स डे दुनियाभर में मनाया जाने लगा।
Created On :   12 April 2018 3:59 PM IST