रंग-बिरंगी पगड़ियों वाले टीचर, जिन्हें मिल चुका है राष्ट्रपति से अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क। महाकाल की नगरी उज्जैन में एक ऐसा रंग बिरंगा मकान है जो सबको अपनी ओर आकर्षित करता है और इसे देखने पर ये किसी म्यूजियम जैसा लगता है। हम बात कर रहे है पंडित शैलेश व्यास के घर स्वामी पैलेस की। इस मकान के रंग के अलावा एक और खास बात ये है कि यहां खड़ी सारी गाड़ियों का नंबर 420 है। यही नहीं पैलेस के अंदर जाने पर ये घर कम संग्रालय ज्यादा लगता है, क्योंकि अंदर रखी हुई है कई सारी रंग बिरंगी पोशाकें, इसके अलावा अजीबो गरीब पगड़ियां और मुकुट भी है। इस पैलेस में रहने वाले पंडित शैलेश व्यास के भी अंदाज भी निराले हैं।
हर तरह की पगड़ी का है कलेक्शन
पंडित व्यास अपने स्टाइल, ड्रेसिंग और मुस्कुराहट के कारण काफी विख्यात है, पंडित व्यास के पैलेस में जहां भी नजर जाए, रंगों की भर मार दिखाई पड़ती है। उनके घर में इतने अवार्ड्स और ट्रॉफी रखी हुई है कि अगर कोई गिने तो गिनते गिनते ही थक जाए। यहां आपको देश के हर कोने से जमा की गई अलग अलग टाइम पीरियड की पगड़ियां मिलेंगी फिर चाहे वो मुगल काल की हो या मराठा युग की।
पंडित व्यास को भारत और इसकी संस्कृति से काफी लगाव है, इसीलिए उन्होंने हर युग की पोषक और पगड़ियों के बारे में गहरा अध्ययन कर उन्हें इक्कठा भी किया है। उज्जैन में पंडित व्यास कई सालों से महाकाल बाबा की सवारी का हिस्सा भी बनते आ रहे है।
420 नंबर की गाड़ियों के लिए भी मशहूर है पंडित व्यास
पंडित व्यास अपने स्टाइल के चलते सिर्फ उज्जैन में ही नहीं बल्कि बहुत दूर दूर तक मशहूर है। दरअसल वो रंग बिरंगे कपड़े, पगड़ी या टोपी, उंगलियों में बड़ी बड़ी अंगूठीयां, कान में बाली और गले में बड़ी बड़ी मालाएं पहनते है। अपने अंदाज से वो औरों को हंसाते रहते है। खुद अलग और फनी बनाने के लिए ही उन्होंने अपनी हर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 420 नंबर से कराया है।
शिक्षक भी है पंडित व्यास
बतौर शिक्षक पंडित व्यास का अपने छात्रों पर भी बहुत अच्छा असर है और उनके स्टूडेंट्स भी उन्हें बहुत मानते है। खुशमिजाजी और असाधारण व्यक्तित्व के कारण ही वो आम इंसान से अलग हैं।
2004 में मिला चुका है राष्ट्रपति से अवॉर्ड
साल 2004 में पंडित व्यास को राष्ट्रपति के द्वारा एक बड़े सम्मान से नवाजा जा चुका है। अपने अनोखे और निराले स्वाभाव के कारण लोगों को हैरान करने वाले स्वामी अपने हर अंदाज से लोगों को मुस्कुराने पर मजबूर कर देते है।
Created On :   12 Jun 2018 1:06 PM IST