नर्सों का कहना है कि ड्यूटी के दौरान इस संबंध में उनकी कोई बात नहीं होती थी। कुछ समय पहले उन्होंने एक-एक करके गर्भवती महिलाओं के लिए बने अस्पताल के फेसबुक ग्रुप चैट को ज्वाइन किया तो इसका खुलासा हुआ। बैनर डेजर्स मेडिकल सेंटर में काम करने वाली इन नर्सों में से एक रॉशेल शेरमन कहती हैं, 'मुझे नहीं लगता कि फेसबुक ग्रुप बनने से पहले हमें ये पता था कि हम में से कितनी नर्सें गर्भवती हैं।'
वहीं अस्पताल के अधिकारीयों ने ये बताया कि ये सभी नर्सें एक साथ मेटरनिटी लीव पर जाएंगी और उस समय एक अलग स्टाफ काम करेगा। जिसकी व्यवस्था कर ली गई है। इससे अस्पताल प्रबंधन की परेशानी बढ़ गई है। अब वो नई नर्सों को कामकाज समझाने में जुटा है, ताकि मरीजों की देखरेख पर असर न पड़े। नर्सों ने बताया कि खाने-पीने के लिए वो अस्पताल के कैफेटेरिया पर निर्भर हैं, जहां उनके लिए अचार भी रखा गया है।