इस बरगद की जड़ों के लिए यहां खेत छोड़ देते हैं किसान
डिजिटल डेस्क, फतेहगढ़। चंडीगढ़ से करीब 40 किमी दूर फतेहगढ़ साहिब के चरोटी कलां गांव में एक ऐसा पेड़ है जो लोगों के लिए किसी मुसीबत से कम नही है, लेकिन उससे भी बड़ी दिक्कत की बात ये है कि इस पेड़ से परेशान होने के बाद भी कोई इसे काट नही सकता। यह सैकड़ों साल पुराना बरगद का पेड़ है।
परिवार में किसी न किसी की मृत्यु
बरगद की जड़ें लगातार बढ़ती हैं यह वृक्ष शतायु होता है, लेकिन जिसके भी खेत में इसकी जड़ें चलीं जाएं वह किसान वहां से अपनी खेती बंद कर देता है। इसके बारे में कहा जाता है कि इसकी जड़ें काटने वाले के परिवार में किसी न किसी की मृत्यु हो जाती है। यह समस्या बरसों पुरानी है, जिसकी वजह से यहां खेती पर संकट बना रहता है। लोग इसे काटने की हिम्मत नही जुटा पाते और अपना खेत बरगद को ही सौंप देते हैं।
जरूर पूर्ण होती है मुराद
कहा जाता है कि यहां सच्चे मन से मन्नत मांगने पर मुराद जरूर पूर्ण होती है। वहीं एक बार एक किसान ने इसकी जड़ें काट दी थीं जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
सिद्ध संत की भस्म
यहां समीप ही एक शिव मंदिर बना हुआ है माना जाता है कि कभी यहां एक सिद्ध संत आए थे उन्होंने किसान की पत्नी को संतान हेतु एक भस्म दी, जिसे उसने लेने से इंकार दिया। जब किसान ने भस्म संत को लौटाना चाही तो संत ने भी उसे लेने से इंकार दिया। इसके बाद उसने वह भस्म उसी स्थान पर रखी, जहां आज ये पेड़ नजर आता है। कहा जाता है कि यह उसी संत का आशीर्वाद है और भस्म से ही निकला है। इसलिए इसकी जड़ें काटने से लाेगों पर संकट आ जाता है। अनहोनी और मौत के डर से इस पेड़ को कोई नहीं काटता।
Created On :   13 Dec 2017 11:34 AM IST