बड़े उत्सवों में अपने पूर्वजों की ममी को शामिल करते हैं ये लोग
डिजिटल डेस्क, पापुआ न्यू गिनी। इस खबर को पढ़कर निश्चित ही आप सोचेंगे कि ऐसा कैसे पाॅसिबल है, लेकिन ये पूरी तरह से सच है। इंसान की मौत के बाद हर धर्म और समुदाय में अपनी-अपनी परंपरा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है लेकिन पापुआ न्यू गिनी, जहां रहने वाली जनजाति अपनी अनोखी परंपराओं के लिए ही जानी जाती है। यहां अंतिम संस्कार की क्रिया कुछ अलग ही है। यहां पहले लाश को हल्का जलाया जाता है उसे बाद अधजली लाश को ममी बनाकर पहाड़ों पर सुरक्षित कर दिया जाता है वह भी हमेशा के लिए।
समुदाय का अनुभवी करता है ये सब
मोरोबे में अंगा जनजाति के लोग अपनी अनोखी ममीकरण प्रथा के लिए ही जाने जाते हैं। ये लोग लाश को सुलगाते हैं और उन्हें दफनाने की बजाए पहाड़ों पर सुरक्षित रख देते हैं। अंगा जनजाति इसे मृतकों के सम्मान का सबसे बेहतरीन तरीका मानते हैं। ये सभी काम समुदाय के किसी अनुभवी व्यक्ति द्वारा ही किया जाता है।
शरीर से निकालते हैं चर्बी
पहले ये शरीर की चर्बी जैसे कंधे, घुटने को सही आकार में देने के लिए छिलते हैं फिर बांस के ढांचे में उसे रखा जाता है। इसके बाद मृतक के शरीर से निकले बालों, त्वचा आदि को उसके रिश्तेदारों को लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे उसकी ताकत उसके रिश्तेदारों में आ जाती है। पूरी प्रक्रिया के बाद उसे लाल रंग का लेप लगाया जाता है और पहाड़ पर रख दिया जाता है।
मांस सड़े नहीं इसलिए शरीर से आंखें, मुंह और वो हिस्सा ज्यादा गूदा या मांस होता है निकाल लिया जाता है। जीभ और हथेली भी इन निकाले गए हिस्सों में शामिल है। आप ऐसा भी कह सकते हैं कि ये सिर्फ हड्डी का ढंाचा ही छोड़ते हैं लेप लगाने के लिए। इस परंपरा को दो सौ साल पुराना बताया जाता है। किसी खास उत्सव में ये लोग उन्हें पहाड़ से उतारकर उत्सव में शामिल करते है।
Created On :   1 Dec 2017 10:24 AM IST