आजाद को न तो गिरफ्तार किया और न ही नजरबंद - सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी, पुणे का कार्यक्रम रद्द

आजाद को न तो गिरफ्तार किया और न ही नजरबंद - सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी, पुणे का कार्यक्रम रद्द

Tejinder Singh
Update: 2018-12-31 13:07 GMT
आजाद को न तो गिरफ्तार किया और न ही नजरबंद - सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी, पुणे का कार्यक्रम रद्द

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुणे विश्वविद्यालय की ओर से अनुमति न दिए जाने के कारण भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद का विश्वविद्लाय में 31 दिसंबर को प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द हो गया है। आजाद यहां एक बैठक के दौरान छात्रों को संबोधित करने वाले थे। आजाद को अवैध रुप से हिरासत में लिए जाने का दावा करते हुए भीम अर्मी से जुड़े डीबी पोल ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई के दौरान कार्यक्रम के रद्द होने की जानकारी सामने आयी।

याचिका में दावा किया गया था कि पुलिस अवैध तरीके से आजाद को अपने हिरासत में ले रही है। याचिका में आजाद को अवैध रुप से गिरफ्तार किए जाने को लेकर मुआवजे की मांग की है। सोमवार को अवकाशकालीन जस्टिस सीवी भडंग के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान सहायक सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने कहा कि हमने भीम आर्मी के प्रमुख से पुणे विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को लेकर युनिवर्सिटी से की ओर से मिली अनुमति प्रति मांगी थी, लेकिन आजाद अनुमति की प्रति पेश नहीं कर सके। उलटे सरकारी वकील ने विश्वविद्यालय की ओर से जारी एक पत्र पेश किया गया, जिसमें आजाद के 31 दिसंबर को विश्वविद्यालय में प्रस्तावित कार्यक्रम को अनुमति न देने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि भीम अर्मी के अध्यक्ष आजाद को पुलिस ने न तो हिरासत में लिया है और न ही घर में नजर कैद किया है।

सरकारी वकील ने इस मामले में अपना लिखित जवाब देने के लिए समय की मांग की। इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील नितिन सातपुते ने दावा किया कि पुलिस मेरे मुवक्किल को अवैध रुप से गिरफ्तार किया और उसे नजर कैद में रखा है। जहां तक बात पुणे विश्वविद्यालय में कार्यक्रम की अनुमति न देने का है तो इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। मुझे इस बारे में उचित निर्देश लेने के लिए वक्त दिया जाए। इसके बाद जस्टिस ने सरकार को मामले में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 4 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि आजाद की लातूर व अमरावती में भी सार्वजनिक सभा प्रस्तावित है। 

 

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