ऐसी हुई यात्रियों की फजीहत की ठंड में निकला पसीना, कोच ढूंढने यहां-वहां लगाते रहे दौड़

ऐसी हुई यात्रियों की फजीहत की ठंड में निकला पसीना, कोच ढूंढने यहां-वहां लगाते रहे दौड़

Tejinder Singh
Update: 2018-11-29 16:53 GMT
ऐसी हुई यात्रियों की फजीहत की ठंड में निकला पसीना, कोच ढूंढने यहां-वहां लगाते रहे दौड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे स्टेशन पर उस वक्त यात्रियों को परेशान होना पड़ा, जब प्लेटफार्म पर 12849 बिलासपुर-पुणे एक्सप्रेस आई। गाड़ी आने के बाद भी गाड़ी के कोच इंडीकेट नहीं हुए थें। ऐसे में अपने कोच को ढूंढने में यात्रियों का ठंड में भी पसीना निकल गया। इसमें सबसे ज्यादा बीमार और बुर्जुग यात्रियों की फजीहत हुई। नियमानुसार किसी भी गाड़ी का स्टेशन पर आने से पहले कोच डिप्ल्पे में कोच इंडीकेट होनी चाहीए। ताकी यात्री अपने पास रखे भारी भरकम लगेज को लेकर अपने कोच के सामने खड़े रहे। इसमें बीमार व बुर्जुग यात्रियों को दिक्कत नहीं होती है। लेकिन तकनीकी खामी कहे या लापरवाही गुरुवार शाम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4 पर उपरोक्त ट्रेन 6.35 को आनेवाली थी। ऐसे में आधे घंटे पहले से ही कोच पोजीशन डिस्प्ले में दिखाना अपेक्षित था। लेकिन कोच इंडीकेट नहीं हो रहे थें। ऐसे में यात्री दुविधा में रहते हुए इधर से उधर घूम रहे थें। जब गाड़ी प्लेटफार्म पर पहुंची उस वक्त भी कोच की स्थिति को इंडीकेट नहीं किया गया था। जिससे यात्रियों में अपने कोच ढूंढने को लेकर भागमभाग हो गई। नियमित सफर करनेवाले यात्रियों के लिए यह मशक्कत थोड़ी देर के लिए ही रही, लेकिन अज्ञात यात्रियों को जमकर इधर-से उधर दौड़ना पड़ा। हालत और विकराल तब हुए जब पता चला कि, गाड़ी कुछ ही मिनटों में छूटने वाली है। प्लेटफार्म पर इसी भागादौड़ी का सामना कर चुके यात्री निर्मल चारडियां ने बताया कि गाड़ी आने के आधा घंटे पहले से ही कोच इंडीकेट नहीं किए गए। जिससे लगेज लेकर कोच ढुंढने में भारी परेशानी का का सामना करना पड़ा। 

गाड़ी अटकी रही आधा घंटा नागपुर में, यात्री होते रहे परेशान

स्कूली बच्चों की आरक्षित बर्थ पर बैठे प्रतिक्षासूची यात्रियों को हटाने के लिए अभिभावकों ने पांच बार चैन पुलिंग की। जिससे गाड़ी आधा घंटा स्टेशन पर अटकी रही। लगातार चैन पुलिंग होने से रेल कर्मचारी से लेकर आरपीएफ हरकत में आई। प्रतिक्षासूची में बैठे यात्रियों को दूसरे कोच में शीफ्ट किया। 
गुरुवार  दोपहर शहर की एक निजी स्कूल 100 के करीब बच्चों को पिकनिक के लिए लेकर जा रही थी। ऐसे में स्टेशन पर आई जयपुर-मैसूर एक्सप्रेस में आरक्षण था। बच्चों को छोड़ने के लिए उनके अभिभावक भी आए थें। लेकिन जब बच्चों को आरक्षित बोगी पर वह लेकर आये तो यहां पहले से प्रतिक्षासूचि में शामिल यात्री बैठे थें, जब उन्हें उठने के लिए कहा तो वह मान नहीं रहे थें। इस बीच गाड़ी शुरू हो गई। लेकिन अभिभावकों द्वारा चैन पुलिंग की गई। इसके बाद भी प्रतिक्षासूची में शामिल यात्री यहां से उठ नहीं रहे थें। ऐसे में लगातार पांच बार चैन पुलिंग की गई। जिसके बाद आरपीएफ ने आकर मामला संभाल लिया। 
 

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