लोकसभा में कांग्रेस ने उठाया किसान तुकाराम आत्महत्या मसला, शिवसेना ने कहा- प्याज उत्पादकों की मदद करे सरकार

लोकसभा में कांग्रेस ने उठाया किसान तुकाराम आत्महत्या मसला, शिवसेना ने कहा- प्याज उत्पादकों की मदद करे सरकार

Tejinder Singh
Update: 2019-01-07 15:31 GMT
लोकसभा में कांग्रेस ने उठाया किसान तुकाराम आत्महत्या मसला, शिवसेना ने कहा- प्याज उत्पादकों की मदद करे सरकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने परभणी के किसान तुकाराम काले की आत्महत्या का मसला लोकसभा में उठाया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि काले की मौत के लिए जिम्मेवार बैंकों व संस्थानों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो और किसानों को जल्द-से-जल्द कर्ज दिलाने की व्यवस्था की जाए। सातव ने यह मसला सोमवार को शून्यकाल के दौरान उठाया। उन्होंने बताया कि बैंक से कर्ज वितरण का लाभ नहीं मिलने की वजह से परभणी के एक किसान तुकाराम काले को आत्महत्या करनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में वित्तीय संस्थानों की विफलता के चलते किसानों को नई फसल के लिए कर्ज नहीं मिल पा रहा है। राष्ट्रीय बैंकों के माध्यम से ऋण वितरण केवल 35 प्रतिशत रहा है जो गंभीर चिंता का विषय है।

सांसद ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के मुताबिक बैंक के क्रेडिट व्यय के 18 प्रतिशत का हकदार कृषि क्षेत्र है। इसमें फसलों और सहायक गतिविधियों के लिए कर्ज शामिल है। लेकिन महाराष्ट्र के किसानों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि बैंक से कर्ज नहीं मिलने के चलते परभणी का किसान तुकाराम काले इतना निराश हो गया कि उसने आत्महत्या कर ली। राजीव सातव ने सरकार से मांग की कि मौत के जिम्मेदार बैंकों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और किसानों को जल्द कर्ज मुहैया कराने की व्यवस्था की जाए।

प्याज उत्पादकों को तत्काल मदद करे सरकार : अडहलराव 
शिवसेना सांसद अडहलराव पाटील ने सोमवार को लोकसभा में प्याज उत्पादकों का मसला जोरशोर से उठाया। उन्होंने कहा कि प्याज किसानों को उनकी फसल की लागत नहीं मिल पा रही है, जिसके चलते किसान अपना प्याज सड़क पर फेंकने को मजबूर हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि प्याज को लेकर वह एक दीर्घकालीन नीति बनाए और गरीब किसानों को तत्काल मदद उपलब्ध कराए। पाटील ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मसला उठाते हुए कहा कि एक किसान प्याज की खेती के लिए प्रति एकड़ 62,600 रुपए का खर्च करता है। एक एकड़ में 9,000 किलो प्याज का उत्पादन होता है। इस समय बाजार में प्याज का भाव दो रुपए प्रति किलो है और इस हिसाब से किसान को प्रति एकड़ 18,000 रुपए ही मिल पा रहा है। ऐसे में किसान की सारी मेहनत बेकार हो रही है। इसे किसानों के साथ अन्याय बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने प्याज का खरीद मूल्य बढ़ाने का वादा किया था, परंतु उस पर अब तक कुछ नहीं हुआ है। शिवसेना सांसद ने मांग की कि सरकार प्याज उत्पादकों की पीड़ा कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई करे और निजी क्षेत्र की मदद से कम से कम 15 लाख टन प्याज के एक महीने के स्टॉक का बफर स्टॉक बनाए। उनकी इस मांग का आनंदराव अडसूल सहित लगभग एक दर्जन सांसदों ने समर्थन किया। 
 

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