पानी का आपातकाल, बर्तनों में जलसंचय कर रहे लोग

पानी का आपातकाल, बर्तनों में जलसंचय कर रहे लोग

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-17 06:33 GMT
पानी का आपातकाल, बर्तनों में जलसंचय कर रहे लोग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। तोतलाडोह, नवेगांव खैरी बांध में पानी का पर्याप्त भंडारण नहीं होने के कारण शहर आज से पानी का आपातकाल होगा। नागरिक जलसंकट की परेशानी से दो-चार होने जा रहे हैं। बूंद-बूंद के लिए संघर्ष होगा।  बुधवार से शहर में एक दिन अंतराल में जलापूर्ति होने जा रही । बुधवार, शुक्रवार और रविवार को शहर में पानी नहीं मिलेगा। सुबह जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी मिली, लोगों में अफरा-तफरी जैसा माहौल रहा। तुरंत  अपना नियोजन करने में जुट गए। घरों में धूल खा रहे बर्तन और ड्रमों को बाहर निकाल उसमें पानी भंडारण करने की जद्दोजहद में जुट गए। इस दौरान लोगों में एक अदृश्य भय दिखा। इस भय को देखते हुए लोगों ने अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी एक दिन अंतराल में पानी मिलने की जानकारी दी। फिर क्या था, बस्ती की बस्ती पानी के लिए नलों पर दौड़ पड़ी। 

टैंकर से भी जलापूर्ति नहीं 
मनपा सत्तापक्ष-प्रशासन ने बुधवार से एक दिन अंतराल में जलापूर्ति की घोषणा कर स्पष्ट किया है कि इस दौरान शहर में टैंकर से भी जलापूर्ति होगी। तोतलाडोह और नवेगांव खैरी में पानी नहीं होने से एक बाद जलापूर्ति का निर्णय लिया गया है। हालांकि कन्हान नदी में पानी बहने से बचाने के लिए शहर के कुछ जोन में सीमित जलापूर्ति हो सकती है। कितने लोगों को और  कितना पानी मिलेगा, इसकी कोई गारन्टी नहीं है। 

कुओं का पानी इस्तेमाल करने की सलाह
बुधवार से एक दिन बाद जलापूर्ति के निर्णय के बाद मनपा ने नागरिकों को कुओं का पानी इस्तेमाल करने की सलाह दी है। बर्तन और कपड़े धोने, गार्डनिंग और वाहनों की धुलाई के लिए नागरिकों को कुओं के पानी की आदत डालने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए अब मनपा कुओं की स्वच्छता पर भी फोकस कर रही है। मनपा ने 20 जून तक 10 जोन में 414 कुओं की सफाई की है। पिछले महीने भर में और 27 कुएं इसमें जुड़ गए हैं। यह संख्या अब 441 हो गई है। शहर में 755 कुएं हैं। 314 कुएं सीवेज लाइन के लीकेज के कारण दूषित है। सीवेज लाइन बदलने के बाद इन कुओं की सफाई संभव हो सकती है। इसके अलावा 277 नये बोरवेल शुरू किए गए हैं। पुराने 5254 बोरवेल की दुरुस्ती की गई है। विशेष यह कि शहर सीमा से लगी बस्तियों में मध्य, उत्तर, पूर्व, दक्षिण नागपुर के नागरिक इस पर ज्यादा निर्भर हैं। 

Tags:    

Similar News