बाघ से बचने ले रहे मुखौटे का सहारा, फेटरी क्षेत्र में बनी हुई है दहशत

बाघ से बचने ले रहे मुखौटे का सहारा, फेटरी क्षेत्र में बनी हुई है दहशत

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-01 08:49 GMT
बाघ से बचने ले रहे मुखौटे का सहारा, फेटरी क्षेत्र में बनी हुई है दहशत

डिजिटल डेस्क, नागपुर । शहर से सटे फेटरी क्षेत्र में बाघ की दहशत इस कदर है कि खेतों में काम करने वाले किसान मुखौटा लगाकर काम कर रहे हैं।  नागपुर वन परिक्षेत्र में आने वाले फेटरी सहित कई गांवों में किसानों को मुखौटा लगाकर खेतों में काम करते देखा जा सकता है। किसानों ने यह जुगत वन विभाग की सलाह पर अपनाई है। पिछले दिनों क्षेत्र के कई गांवों में यह उपाय बाघ के देखे जाने की सूचना के बाद अपनाई गई है। वन विभाग बैनर और होर्डिंग के जरिए गांव के लोगों काे बचाव के लिए कई उपाय अपनाने की सलाह दे रहा है। इनमें अकेले के बजाए समूह बनाकर जंगल में जाने की भी सलाह दी गई है। वन अधिकारियों के अनुसार क्षेत्र में देखा गया बाघ कलमेश्वर से भटककर आवासीय क्षेत्र में पहुंच गया है। बाघ ने अब कुछ मवेशियों का शिकार कर चुका है और कुछ लोगों ने भी उसे देखने का दावा किया है। फेटरी के अलावा बोरगांव, येरला और खायगांव में किसानों ने बाघ के हमले से बचने के लिए मुखौटा अपना लिया है।

कैसे करेगा मुखौटा काम
विशेषज्ञों के अनुसार आमतौर पर बाघ मनुष्यों पर हमला नहीं करता है। खेत में झुककर या बैठकर काम करते लोगों पर बाघ उन्हें छोटे आकार का पशु समझकर पीछे से हमला करता है। सिर पर पीछे के तरफ भी चेहरा दिखने पर बाघ के हमला करने की आशंका कम हो जाती है।

24 घंटे पहरेदारी
क्षेत्र में बाघ की पुष्टि होने के बाद पेंच टाइगर रिजर्व की स्पेशल टाइगर प्रोटेक्ट फोर्स के जवान, सेमिनरी हिल्स, रेस्क्यू टीम और कलमेश्वर वन परिक्षेत्र के कर्मचारी की टीम क्षेत्र में 24 घंटे पहरेदारी कर रही है।  

उल्लेखनीय है कि फेटरी क्षेत्र में समय-समय पर वन्यजीवों के लोगों को दर्शन होते रहते हैं लेकिन पिछले कुछ समय से बाघ के दिखने से लोग खौफजदा हैं। रात के वक्त घर से निकलने से भी कतराने लगे हैं  ऐसे में खेतों में काम करने वालों का भयभीत होना स्वाभाविक है। हालांकि वनविभाग भी अपनी तरफ से प्रयासरत है लेकिन अब तक बाघ वनविभाग के हाथ लग नहीं पाया है।
 

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