महाराष्ट्र में प्लास्टिक पाबंदी से व्यापारी नाराज, फैसले पर पुनर्विचार करेगी सरकार

महाराष्ट्र में प्लास्टिक पाबंदी से व्यापारी नाराज, फैसले पर पुनर्विचार करेगी सरकार

Tejinder Singh
Update: 2017-11-22 15:34 GMT
महाराष्ट्र में प्लास्टिक पाबंदी से व्यापारी नाराज, फैसले पर पुनर्विचार करेगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (AIPMA) को प्लास्टिक पर पाबंदी को लेकर दोबारा विचार करने का आश्वासन दिया है। मंत्री कदम ने महाराष्ट्र में अगले साल मार्च में गुड़ी पड़वा से प्लास्टिक पर पांबदी लगाने की घोषणा की है। इससे प्लास्टिक व्यापारियों में उद्योग बंद होने की चिंता है। इसके मद्देनजर बुधवार को मंत्रालय में AIPMA के प्रतिनिधिमंडल ने कदम से मुलाकात की। AIPMA ने कदम से प्लास्टिक पाबंदी पर दोबारा विचार करने को कहा है। AIPMA के पूर्व अध्यक्ष हरेन सिंघवी ने कहा कि उन्होंने कदम को प्लास्टिक के ज्यादा से ज्यादा रीसाइक्लिंग पर जोर देने का सुझाव दिया।

पर्यावरण मंत्री के सामने प्लास्टिक के रीसाइक्लिंग का पूरे देश का डाटा पेश किया गया। लेकिन उन्हें केवल महाराष्ट्र से जुड़े डाटा की जरूरत थी। इसलिए उन्होंने केवल महाराष्ट्र का डाटा बनाने को कहा है। सिंघवी ने राज्य में इस्तेमाल होने वाली पीने के पानी की बोतलों और कैरी बैग के रीसाइक्लिंग से संबंधित जानतारी पर्यावरण मंत्री कदम को देंगे। सिंघवी ने कहा कि कदम ने हमें भरोसा दिलाया है कि  यदि 90 प्रतिशत प्लास्टिक का रीसाइक्लिंग होता है। तो प्लास्टिक पाबंदी के फैसले पर दोबारा सोचेंगे। इस दौरान कदम ने कहा कि प्लास्टिक पर पाबंदी को लागू करने में अभी चार महीने का समय है। तब तक विभिन्न वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में विचार किया जा रहा है।

सरकार के पास नहीं है प्लास्टिक का विकल्प 

इससे पहले सिंघवी ने कहा कि सरकार ने प्लास्टिक पर पाबंदी की घोषणा तो कर दी पर उनकी तरफ से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बताई गई है। प्लास्टिक से यदि समस्या हो रही है तो उसका समाधान पाबंदी नहीं है। हमें रिसाइक्लिंग पर जोर देना पड़ेगा। कोई केवल अपने अहंकार के लिए प्लास्टिक पर पाबंदी लाना चाहता है तो यह गलत होगा। उन्होंने कहा कि यदि महाराष्ट्र में प्लास्टिक पर पाबंदी लागू की जाती है। तो इसका सीधा असर प्लास्टिक उद्योग पर पड़ेगा। देश भर में 55 हजार प्लास्टिक के उद्योग है। इन उद्योगों से लगभग 50 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

प्लास्टिक पर संपूर्ण पाबंदी का था फैसला

इसके पहले कदम ने 16 नवंबर को मंत्रालय सहित सभी सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज, महाविद्यालयों, होटल और रेस्टोरेंट में पानी के इस्तेमाल में लाई जाने वाली प्लास्टिक की बोतलों पर पाबंदी लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि राज्य में प्लास्टिक पर संपूर्ण पाबंदी लगाई जाएगी। 

 

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