हाईकोर्ट ने पूछा - न्यायाधीशों और वरिष्ठ वकीलों को कब लगेगा कोरोना का टीका, अर्णब को राहत बरकरार 

हाईकोर्ट ने पूछा - न्यायाधीशों और वरिष्ठ वकीलों को कब लगेगा कोरोना का टीका, अर्णब को राहत बरकरार 

Tejinder Singh
Update: 2021-02-12 12:52 GMT
हाईकोर्ट ने पूछा - न्यायाधीशों और वरिष्ठ वकीलों को कब लगेगा कोरोना का टीका, अर्णब को राहत बरकरार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि न्यायधीशों और वरिष्ठ वकीलों को कब तक कोरोना का टीका लग सकेगा। दरअसल टीआरपी घोटाले की सुनवाई के दौरान पत्रकार अर्णब गोस्वामी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे ने कहा कि उन्होंने हाल ही में कोराना का पहला टीका लगवाया। दूसरा टीका 6 सप्ताह बाद लगेगा। इसलिए वे यात्रा नहीं कर सकते है और कोर्ट में प्रत्यक्ष सुनवाई के लिए अदालत में उपस्थित नहीं रह पाएंगे। इस पर खंडपीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह से पूछ लिया कि न्यायाधीशो व वरिष्ठ वकीलों को कब कोरोना का टीका लगेगा। आखिर हमारे लिए (न्यायाधीशों) टीकाकरण क्यों नहीं हो रहा है। इस सवाल के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम टीआरपी मामले को 5 मार्च के बाद 16 मार्च से प्रत्यक्ष रुप से सुनवाई करेंगे। 

अर्णब को मिली राहत 5 मार्च तक बरकरार

बांबे हाईकोर्ट ने टेलिविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) के कथित घोटाले के मामले में आरोपी पत्रकार अर्णब गोस्वामी व रिपब्लिक टीवी चैनल को चलानेवाली एआरजी मीडिया आउटलर में कार्यरत कर्मचारियों को मिली अंतरिम राहत को 5 मार्च तक के लिए बरकरार रखा है। हाईकोर्ट में एआरजी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में टीआरपी मामले को लेकर मुंबई पुलिस की जांच को चुनौती दी गई है और इस प्रकरण की जांच को सीबीआई व किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौपने का आग्रह किया गया है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीश पीटले की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि एआरजी की ओर से हाल ही में मामले को लेकर हलफनामा दायर किया गया है, जिसमें कई नए दस्तावेज जोड़े गए हैं जो याचिका का हिस्सा नहीं हैं। इस हलफनामे में मुंबई पुलिस के आरोपपत्र पर सवाल उठाए गए हैं। इसलिए मुंबई पुलिस को एआरजी की ओर से पेश किए गए नए दस्तावेजों के बारे में अपना जवाब देने के लिए समय दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 5 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। लेकिन तब तक गोस्वामी व अन्य को इस मामले में मिली अंतरिम राहत को बरकरार रखा। पिछली सुनवाई के दौरान श्री सिब्बल ने खंडपीठ को आश्वस्त किया था कि पुलिस 12 फरवरी तक गोस्वामी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी। जिसे कोर्ट ने श्री सिब्बल के आश्वासन के तहत अगली सुनवाई तक जारी रखा है। 

अन्वय नाईक मामले की सुनवाई भी टली

इस बीच खंडपीठ ने इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक की आत्महत्या के मामले में आरोपी गोस्वामी व अन्य दो आरोपियों की याचिका पर भी सुनवाई 5 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। मामले से जुड़े गोस्वामी सहित तीनों आरोपी फिलहाल जमानत पर है। याचिका में गोस्वामी ने नाईक मामले को लेकर उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।

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