सिंचाई घोटाले में सरकार की हाइकोर्ट से गुहार, जांच प्रक्रिया पर न बिठाएं रिटायर्ड जजों का पैनल

सिंचाई घोटाले में सरकार की हाइकोर्ट से गुहार, जांच प्रक्रिया पर न बिठाएं रिटायर्ड जजों का पैनल

Tejinder Singh
Update: 2018-07-12 11:05 GMT
सिंचाई घोटाले में सरकार की हाइकोर्ट से गुहार, जांच प्रक्रिया पर न बिठाएं रिटायर्ड जजों का पैनल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाइकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में गुरुवार को सिंचाई घोटाले पर केंद्रित जनहित याचिका पर सुनवाई हुई| बीती सुनवाई में कोर्ट ने सरकार की जांच पर नाराज़गी जताते हुए इस पर नज़र रखने के लिए दो सेवानिवृत जजों की समिति गठित करने की तैयारी की थी। कोर्ट के आदेश के मुताबिक गुरुवार को याचिकाकर्ता ने कोर्ट को सेवानिवृत जज जे एन पटेल और आर सी चौहान का नाम सुझाया। साथ ही उनकी समिति की कार्यप्रणाली भी सुझाई। लेकिन राज्य सरकार ने कोर्ट से यह समिति गठित ना करने की विनती की| सरकार ने कोर्ट को बताया कि सिंचाई घोटाले की जांच प्रक्रिया में राज्य डीजीपी (एसीबी) खुद नज़र रख रहे हैं, ऐसे में यह समिति गठित करने की जरूरत नही है। सरकार ने कोर्ट से दो सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का समय मांगा, कोर्ट ने उन्हें एक सप्ताह का समय दिया है|

अमरावती विभाग ने हाईकोर्ट में शपथपत्र किया दायर

इसके पहले आर्थिक अपराध शाखा अमरावती विभाग ने हाईकोर्ट में शपथपत्र दायर किया है, जिसमें कहा गया कि पुलिस को याचिकाकर्ता द्वारा 12 दिसंबर 2017 को रायगढ़ सिंचाई प्रकल्प, चांदुर रेलवे और वाघाडी सिंचाई प्रकल्प दर्यापुर प्रकल्प में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी। इसके बाद 13 दिसंबर 2017 से आर्थिक अपराध शाखा ने अपनी जांच शुरू की। जांच में प्रथम दृष्ट्या यह निकल कर आया कि प्रकल्पों के कामकाज के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितता हुई है। प्रतिवादी क्रमांक 6 बाजोरिया कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और प्रतिवादी क्रमांक 8 संदीप बाजोरिया ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे रायगढ़ प्रकल्प 25.50 प्रतिशत और वाघाडी प्रकल्प 17.92 प्रतिशत की अतिरिक्त कीमतों पर प्राप्त किया, लेकिन वास्तव में उनकी कंपनी टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने की लिए पात्र ही नहीं थी।

कार्यकारी अभियंता भ्रष्टाचार में शामिल

पुलिस की जांच में पता चला कि यवतमाल प्रोजेक्ट डिविजल का कार्यकारी अभियंता इस भ्रष्टाचार में शामिल है। पुलिस ने उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस इस मामले से जुड़े दस्तावेजों और विविध पहलुओं पर जांच कर रही है। इस मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार की लिप्तता का मुद्दा भी बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अतुल जगताप द्वारा दायर जनहित याचिका में उठाया गया है।

Similar News