कोकण-गोवा में भारी बारिश का अनुमान, समुद्री किनारे ना जाएं मछुआरे, गुजरात की ओर बढ़ रहा है चक्रवात वायु

कोकण-गोवा में भारी बारिश का अनुमान, समुद्री किनारे ना जाएं मछुआरे, गुजरात की ओर बढ़ रहा है चक्रवात वायु

Tejinder Singh
Update: 2019-06-11 16:57 GMT
कोकण-गोवा में भारी बारिश का अनुमान, समुद्री किनारे ना जाएं मछुआरे, गुजरात की ओर बढ़ रहा है चक्रवात वायु

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश के पूर्वमध्य और दक्षिण पूर्व अरब सागर में चक्रवात तैयार हो गया है। इस चक्रवात के चलते 12 और 13 जून को राज्य के समुद्री किनारों पर हवाओं की रफ्तार ज्यादा होगी। कोंकण और गोवा के कुछ इलाकों में मूसलाधार बारिश का अनुमान है इसलिए मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है। मौसम विभाग के मुताबिक देश के पश्चिमी छोर पर स्थित अरब सागर में चक्रवात तैयार हो गया है। फिलहाल मुंबई से दक्षिण, नैऋत्य दिशाओं में 630 किलोमीटर की दूरी पर यह च्रकवाती बादल है। अलगे 24 घंटों में इसकी तीव्रता बढ़ने के आसार हैं। अनुमान है कि आगे यह चक्रवात गुजरात की दिशा में बढ़ेगा और राज्य पर इसका असर नहीं होगा। इसके फलस्वरूप अगले दो दिनों तक तेज हवाएं चलेंगी। इसके अलावा समुद्री किनारों पर तेज बारिश का भी अनुमान है। बुधवार को समुद्री किनारों पर तेज लहरें उठेंगी जबकि गुरूवार को कोंकण किनारपट्टी के उत्तर की ओर समुद्र में काफी हलचल रहेगी इसीलिए 12 और 13 जून को मछुआरों को अरब सागर में न जाने की सलाह दी गई है।

अब अरब सागर में बना चक्रवात न कर दे मानसून ठंडा

विदर्भ की बात करें तो, मॉनसून ने देरी से केरल में दस्तक दी तो लगा, चलो अब राहत की बौछार विदर्भ को भिगोने जल्दी ही पहुंचेगी। लेकिन लगता है इसमें अरब सागर में उठे चक्रवात वायु सेंध लगा देगा। देश ने कुछ दिन पहले ही चक्रवात फैनी का कहर देखा है। अब जब गर्मी अपना कहर बरपा रही है, तो एक ओर चक्रवात पश्चिमी हिस्से के लिए चिंता बना हुआ है। मौसम विभाग की मानें तो चक्रवात वायु जल्द ही गुजरात के तट पर दस्तक दे सकता है। इससे तटीय कर्नाटक, पश्चिम महाराष्ट्र और गुजरात को तो भारी बरसात मिल सकती है, लेकिन शक्तिशाली तूफान अपने आप में नमी को भी समेट कर ओमान की ओर बढ़ सकता है। ऐसे में मानसून पर बुरा असर पड़ सकता है। क्योंकि ऊपरी सतह पर नमी ही नहीं होगी, तो बरसेगी कैसे? 

एक चक्रवाती चक्र बना रहा है आशा

मौसम विज्ञानियों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में ओडीशा तट के पास भी एक चक्रवाती चक्र सिर उठा रहा है। इसके 17 जून तक परिपक्व होने के आसार हैं। यह जिस स्थान पर यह बन रहा है, उससे विदर्भ को मॉनसूनी बौछारें मिलती हैं। यदि सब कुछ ठीक रहा तो, इसके जमीन को छूने के बाद एक-दो दिन में मॉनसून विदर्भ खासकर चंद्रपुर, गड़चिरोली आकोला में दस्तक दे देगा। इसके अगले दो-तीन दिन में उपराजधानी सहित विदर्भ के कई हिस्सों को भिगो  सकता है। 

संतारा नगरी का मंगलवार का मौसम

मंगलवार को सुबह से ही तेज धूप ने हलाकान करना शुरू कर दिया था। नमी का स्तर कम होने से झुलसाने वाली सूखी गर्मी से लोग दिन भर परेशान रहे। मानसूनी हलचलें मंगलवार को शांत बनी रही। मंगलवार की वर्ध्धा रोड और पश्चिम नागपुर के कुछ क्षेत्रों में जोरार बौछारें आईं, हालांकि शेष नागपुर सूखा बना रहा। मंगलवार को अधिकतम तापमान 44.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5 डिग्री ऊपर रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री ऊपर 28.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आर्द्रता अधिकतम 50 तथा न्यूनतम 33 प्रतिशत रही। 

लू से राहत नहीं

मौसम विभाग के अनुसार विदर्भ में लू का प्रकोप जारी रहेगा। शाम के समय धूल भरी आंधी 30 कमीम की रफ्तार से शहर को झकझोर सकती है। साथ ही बौछारों की भी संभावना हैं। 
 

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