Mumbai News: भारतीय कैंसर वैक्सीन के मानव परीक्षण की अनुमति देने की याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

भारतीय कैंसर वैक्सीन के मानव परीक्षण की अनुमति देने की याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब
  • भारतीय कैंसर वैक्सीन के मानव परीक्षण का मामला
  • अदालत में मानव परीक्षण की अनुमति देने की याचिका
  • याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

Mumbai News. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को भारतीय कैंसर वैक्सीन के मानव परीक्षण की अनुमति देने की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में नासिक की एक कंपनी ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के 22 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी है। सीडीएससीओ ने कंपनी अंग कैंसर के लिए वैक्सीन पर सी-वैक्स के लिए उसके परीक्षण आवेदन को मनमाना, अवैज्ञानिक और कानून के साथ धोखाधड़ी करार देते हुए खारिज कर दिया था।

मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की पीठ ने कैंसर अनुसंधान में शामिल नासिक की कंपनी दातार कैंसर जेनेटिक्स की याचिका पर केंद्र सरकार और सीडीएससीओ को नोटिस जारी किया है। कंपनी दातार जेनेटिक्स ने याचिका में दावा किया है कि हाल ही में अंग कैंसर से पीड़ित रोगियों के लिए परीक्षण शुरू करने के उसके आवेदन को प्री-क्लीनिकल एनिमल टेस्टिंग डेटा जमा करने की मांग के कारण अनुचित रूप से अवरुद्ध कर दिया गया था। पेर-सी-वैक्स को रोगी-व्युत्पन्न ट्यूमर कोशिकाओं या ट्यूमर सेल लाइन का उपयोग करके विकसित किया गया है। इसलिए पशु मॉडल पर इसका परीक्षण अव्यवहारिक है।

दातार जेनेटिक्स ने पहली बार 2 अगस्त 2023 को न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल्स (एनडीसीटी) रूल्स 2019 के तहत आवेदन किया। एनडीसीटी रूल्स के नियम 23 के अनुसार सीडीएससीओ को 30 दिवसों के भीतर जवाब देना अनिवार्य है, ऐसा न करने पर आवेदन को स्वीकृत माना जाता है। दातार का दावा है कि यह वैधानिक समय सीमा 15 सितंबर 2023 तक समाप्त हो गई और कोई कमी पत्र प्राप्त नहीं हुआ। 21 सितंबर को सीडीएससीओ ने सवाल उठाए। दातार ने 28 नवंबर 2023 को विस्तृत जवाब दिया। इसके 22 अप्रैल 2025 को भारत के औषधि महानियंत्रक डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि मूल आवेदन अपूर्ण था और स्वीकृत अनुमोदन का दावा करने के लिए इस्तेमाल किया गया फॉर्म सीटी-4ए लागू नहीं था। कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का हवाला दिया है, जिसमें 2011 का यूएस एफडीए मार्गदर्शन शामिल है। पहले से परीक्षण किए गए वर्ग के चिकित्सीय कैंसर टीकों के लिए प्री-क्लीनिकल पशु अध्ययनों से छूट देता है।

Created On :   7 May 2025 4:51 PM

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