ऊंची इमारतों से विमानों की सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा, करनी पड़ सकती है रन-वे की लंबाई कम

ऊंची इमारतों से विमानों की सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा, करनी पड़ सकती है रन-वे की लंबाई कम

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-29 07:25 GMT
ऊंची इमारतों से विमानों की सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा, करनी पड़ सकती है रन-वे की लंबाई कम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर विमानतल के रन-वे के आसपास बनी ऊंची इमारतों से विमानों की सुरक्षा का संकट गहराया गया है। स्थानीय नियोजन प्राधिकरण द्वारा समय पर उपाय योजना नहीं किए गए तो भविष्य में मौजूदा रन-वे की लंबाई 560 मीटर कम करनी पड़ सकती है। इस कारण बड़े विमान विमानतल पर उतर नहीं पाएंगे और मिहान इंडिया लिमिटेड को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

यह आशंका मिहान इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ एयरपोर्ट डायरेक्टर विजय मुलेकर ने जताई। विमानतल परिसर में विकास कार्य के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की एनओसी आवश्यक होती है। उसे ऑनलाइन पद्धति से देने के लिए नोकॉस-2 ऑनलाइन एप्लिकेशन पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन नागपुर में किया गया है। इस अवसर पर वे संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

प्रस्तावित 4200 मीटर के नए रन-वे पर भी संकट
स्थानीय नियोजन प्राधिकरण और नागरी उड्डयन संचालनालय ने इस संदर्भ में निर्णय लेते हुए कहा है कि रन-वे की लंबाई कम करने के अलावा विमानतल प्राधिकरण के पास दूसरा अन्य कोई पर्याय नहीं है। प्रस्तावित 4200 मीटर के नए रन-वे तैयार करने में भी दिक्कतें निर्माण होगी। इससे राजस्व भी कम होगा और विमानतल के विकास पर परिणाम होगा। श्री मुलेकर ने कहा कि स्थानीय नियोजन प्राधिकरण ने प्रस्तावित नये रन-वे के आसपास एनओसी देना बंद करना चाहिए। एनओसी फॉर हाईट क्लियरेंस विभाग के महाव्यवस्थापक आर.के. सिंगला, विमानतल नियंत्रक विभाग के महाव्यवस्थापक युधिष्ठर शाहू उपस्थित थे।

मनपा ने कहा-हमारे दायरे से बाहर
श्री मुलेकर ने कहा कि नागपुर विमानतल पर मौजूदा रन-वे की लंबाई 3200 मीटर है। इस रन-वे के जयताला और चिंचभुवन के बगल में ऊंची इमारतें बनाई गई हैं। वर्ष 2016-17 के नियमित सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। इस संंबंध में स्थानीय नियोजन प्राधिकरण और नागरी उड्डयन महासंचालन (डीजीसीए) से बार-बार पत्र-व्यवहार किया है। नगर रचना विभाग को प्रत्यक्ष स्थान भी दिखाया गया है, लेकिन मनपा ने इसे अपने दायरे से बाहर बताते हुए नजरअंदाज किया है, जबकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एयरक्रॉफ्ट रूल 1994 अनुसार ग्रिड अनुसार ऊंचाई तय की है। जयताला में 5-6 काफी ऊंची इमारतें हैं। शर्तों का उल्लंघन होने से विमानतल के ग्राउंड प्रॉक्जिमिटी वॉर्निंग (जीपीडब्ल्यू) संस्था पायलटों को खतरे की चेतावनी दे रही है। पायलट इसकी शिकायतें विमान नियंत्रक के पास कर रहे हैं।

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