महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : 21 अक्टूबर को मतदान, 24 को गणना, सातारा लोकसभा सीट पर उपचुनाव नहीं

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : 21 अक्टूबर को मतदान, 24 को गणना, सातारा लोकसभा सीट पर उपचुनाव नहीं

Tejinder Singh
Update: 2019-09-21 13:16 GMT
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : 21 अक्टूबर को मतदान, 24 को गणना, सातारा लोकसभा सीट पर उपचुनाव नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने शनिवार को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में मतदान 21 अक्टूबर को होगा, जबकि मतों की गणना 24 अक्टूबर को होगी। संभावना जताई जा रही थी कि राकांपा के सांसद उदयनराजे भोसले के इस्तीफे के बाद खाली हुई सातारा लोकसभा सीट पर भी विधानसभा के साथ ही उपचुनाव कराया जायेगा, लेकिन चुनाव आयोग ने उपचुनाव कराए जाने की बात से इंकार कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में चुनाव तारीखों का ऐलान करते हुए बताया कि राज्य में चुनाव से संबंधित सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई है। वाम चरमपंथ से प्रभावित राज्य के गडचिरौली और गोंदिया में चुनाव के लिए विशेष सुरक्षा प्रदान की जाएगी। चुनाव आयुक्त ने कहा कि प्रति उम्मीदवार चुनाव ख र्च की सीमा 28 लाख रुपये रखी गई है। उन्होने कहा कि दो वरिष्ठ अधिकारियों को यह देखने के लिए महाराष्ट्र भेजा जायेगा।

21 अक्टूबर को मतदान और 24 को मतगणना

288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए नोटिफिकेशन 27 सिंतबर को जारी होगी। नामांकन पत्र भरने की की आखिरी तारीख 4 अक्टूबर होगी, जबकि नामांकन पत्र की जांच 5 अकटूबर को होगी। नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 7 अक्टूबर होगी। 21 अक्टूबर को मतदान और मतगणना 24 अकटूबर को होगी। 27 अक्टूबर को चुनाव की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ आज से ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है।

राज्य में 8.94 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर

चुनाव आयोग के अनुसार राज्य में 31 अगस्त 2019 तक कुल मतदाताओं की संख्या 8 करोड़ 94 लाख 46.211 है और सर्विस वोटर की संख्या 1.16 लाख है। साल 2014 के मुकाबले राज्य में मतदान केन्द्रों में 5.61 प्रतिशत की बढोतरी हुई है। इस साल विधानसभा के लिए 95,473 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले जायेंगे।

इको-फ्रेंडली चुनाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सिंगल यूज वाले प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने के आह्वान करने के बाद चुनाव आयोग ने भी पहली बार विधानसभा चुनावों और उपचुनावों में प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की अपील की है। चुनाव आयोग ने इसके लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए है। मुख्य चुनाव आयुक्त अरोड़ा ने राजनीतिक दलों से चुनाव प्रचार के दौरान सिंगल यूज वाले प्लास्टिक (पोस्टर, बैनर, फ्लेक्स बोर्ड आदि) के इस्तेमाल के बजाय इको-फ्रेंडली सामग्री का उपयोग करने की अपील की है।

आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवार

चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक दलों के साथ आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मदवारों को चुनाव प्रचार के दौरान अपने खिलाफ आपराधिक मामलों के बारे में तीन अवसरों पर समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों पर जानकारी प्रकाशित करना आवश्यक होगा। साथ ही इस आशय की जानकारी उनकी वेबसाईट पर भी प्रकाशित करनी होंगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2015 में लोक प्रहरी और पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामलों में दिए फैसले के बाद चुनाव आयोग ने बीते 10 अक्टूबर 2018 को दागी नेताओं के लिए यह दिशा निर्देश जारी किए थे।

सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए लेना होगा प्रमाणपत्र

यह देखने में आया है कि सोशल मीडिया पर प्रचार सियासी दलों का भविष्य तय करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया को लेकर एक फैसला किया है। सियासी दलों को फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब, व्हाट्सअप आदि सोशल मीडिया के माध्यम से राजनीतिक विज्ञापन और अन्य प्रचार सामग्री प्रसारित करने के लिए चुनाव आयोग की मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति से सोशल मीडिया प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य किया है। यह प्रमाणपत्र नही लेने की स्थिति में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
 

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