एमबीए की प्रवेश प्रक्रिया अटकी : 34000 विद्यार्थियों का यलगार, 200 से ज्यादा ई-मेल का पहला प्रहार

एमबीए की प्रवेश प्रक्रिया अटकी : 34000 विद्यार्थियों का यलगार, 200 से ज्यादा ई-मेल का पहला प्रहार

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-19 05:47 GMT
एमबीए की प्रवेश प्रक्रिया अटकी : 34000 विद्यार्थियों का यलगार, 200 से ज्यादा ई-मेल का पहला प्रहार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश में लटकी एमबीए की प्रवेश प्रक्रिया के कारण विद्यार्थियों में भारी आक्रोश है। प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों ने राज्य सरकार द्वारा की जा रही इस देरी के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। 200 से भी अधिक आक्रोशित विद्यार्थियों ने प्रसार माध्यमों को ई-मेल लिख कर सिस्टम के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर लगातार सीईटी सेल के खिलाफ विद्यार्थी अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। दो माह का विलंब देख चुकी एमबीए प्रवेश प्रक्रिया में देरी के कारण विद्यार्थियों को आगामी समय में इंटर्नशिप और ट्रेनिंग जैसे अवसर गंवाने का डर सता रहा है।

‘गरीबी में आटा गीला’ 

विद्यार्थियों के अनुसार, देश की अर्थव्यवस्था पहले की धीमी हो गई है। अब शैक्षणिक सत्र में विलंब के चलते उन्हें बेरोजगारी झेलनी पड़ सकती है। विद्यार्थियों की स्थिति ‘गरीबी में आटा गीला’ जैसी स्थिति नजर आ रही है। विद्यार्थियों ने ई-मेल में लिखा है कि सर्वप्रथम सीईटी सेल ने "सार पोर्टल" के जरिए यह प्रवेश प्रक्रिया शुरू की, कुछ ही सप्ताह में कॉलेजों को बगैर सूचना दिए इसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद बगैर पड़ताल किए फर्जी स्कोर कार्ड के आधार पर प्रवेश देने, न्यायालय में विफल पड़ जाने से सीईटी सेल ने विद्यार्थियों का खासा नुकसान किया।

इस तरह ऐसी स्थिति बनी

दरअसल, सीईटी सेल द्वारा शुरू की गई एमबीए की प्रवेश प्रक्रिया में कई विद्यार्थियों ने फर्जी स्कोर कार्ड के जरिए पहले राउंड में प्रवेश प्राप्त किए। दूसरी ओर जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट से जुड़ी एक याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिर से मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश दिए थे। अब तो यह मामला सर्वोच्च न्यायालय की शरण में है। इसके कारण यह प्रवेश प्रक्रिया 28 अगस्त तक रोक दी गई है। विद्यार्थियों के अनुसार, राज्य सरकार और सीईटी सेल की विफलता के कारण प्रवेश प्रक्रिया में करीब दो माह की देरी हो गई। 1 अगस्त से शैक्षणिक सत्र  की शुरुआत होनी थी, लेकिन अब तो प्रवेश प्रक्रिया ही 28 अगस्त से शुरू होगी। इस शैक्षणिक नुकसान को लेकर विद्यार्थियों में आक्रोश है।

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