जुर्माने की दहशत : नागपुर में 5 दिन में 13 सौ से ज्यादा वाहन लाइसेंस बने

जुर्माने की दहशत : नागपुर में 5 दिन में 13 सौ से ज्यादा वाहन लाइसेंस बने

Anita Peddulwar
Update: 2019-09-19 10:04 GMT
जुर्माने की दहशत : नागपुर में 5 दिन में 13 सौ से ज्यादा वाहन लाइसेंस बने

डिजिटल डेस्क,नागपुर। यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर बढ़ाई गई जुर्माना राशि की लोगों में इतनी दहशत  है, कि गत 15 दिनों में आरटीओ में दस्तावेज के साथ लाइसेंस बनानेवालों की भीड़ बढ़ गई है। शहर आरटीओ से केवल लाइसेंस की बात करें तो गत 15 दिनों में 13 सौ से ज्यादा लाइसेंस बनाये गये हैं। जिसमें लर्निंग व स्थाई लाइसेंस शामिल हैं। इसके अलावा गाड़ियों के फिटनेस पर लोग ध्यान दे रहे हैं। यही नहीं मामूली पीयूसी के लिए भी लंबी कतारें लगनी शुरू है।

ननागपुर शहर में आरटीओ के अधिकृत रिकॉर्ड के अनुसार 12 लाख से ज्यादा वाहन है लेकिन लाइसेंस की संख्या इससें कम है। जिसका मुख्य कारण बहुतांश लोग लाइसेंस नहीं निकालते हैं। परिणामस्वरूप यातायात नियमों को तोड़ते हुए गाड़ियां चलाई जाती है। यही नहीं गाड़ी चलाने के लिए लगनेवाले आवश्यक दस्तावेज में पीयूसी, इंश्योरेन्स, फिटनेस प्रमाणपत्र आदि पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है। लेकिन हाल ही में यातायात नियम तोड़नेवालों पर कई गुना जुर्माना बढ़ाया गया है। हालांकि अभी महाराष्ट्र में इसे लागू किया जाना बाकी है। बावजूद इसके लोगों में नियम तोड़ने पर लगनेवाले जुर्माने की दहशत बहुत ज्यादा देखने मिल रही है। इसी  कारण रोजाना आरटीओ में लर्निंग लाइसेंस से लेकर दस्तावेज बनानेवालों की संख्या बढ़ते दिख रही है। आंकड़ों की बात करें तो केवल शहर आरटीओ से गत 15 दिनों में 526 लर्निंग लाइसेंस, 835 स्थाई लाइसेंस व 239 फिटनेस प्रमाणपत्र बनाये गये हैं। प्रति दिन यह आंकड़ा बढ़ते जा रहा है। हालांकि गत कुछ महीनों काी रिकॉर्ड देखने पर इनकी संख्या वर्तमान दस्तावेज की संख्या से कम देखने मिल रही है।

पीयूसी बनाने में लंबी कतारें  

गाड़ी के दस्तावेज में पीयूसी दस्तावेज अभी तक वाहनधारकों के लिए ज्यादा मायने नहीं रखती थी। लेकिन अब इसके नहीं रहने पर एक हजार तक फाइन लग सकता है। ऐसे में आरटीओ के सामने लगे पीयूसी सेंटर में लंबी कतारें लगते हुए दस्तावेज बनाये जा रहे हैं। जबकि पहले की तुलना पीयूसी बनाना अब वाहनधारकों के लिए ज्यादा कष्टदायक साबित हो रहा है। क्योंकि अब पीयूसी ऑनलाइन हो गई है। ऐसे में वाहनधारकों को यहां गाड़ी की फोटो अपलोड कराने से लेकर गाड़ी चेक करना पड़ रहा है।

पूर्व व ग्रामीण आरटीओ में भी यही हाल

शहर आरटीओ  ही नहीं बल्कि शहर में बने पूर्व व ग्रामीण आरटीओ में भी यही हाल है। जहां प्रतिदिन लाइसेंस बनानेवालों से लेकर दस्तावेज आदि बनानेवालों की संख्या बढ़ते जा रही है। गाड़ियों के फिटनेस प्रमाणपत्र पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

हेलमेट की बढ़ी बिक्री 

हेलमेट बिक्री पर भी इसका असर देखने मिल रहा है। पहले हेलमेट नहीं पहनने पर 500 रुपये तक चालान कटता था। लेकिन अब हर नियम का जुर्माना बढ़ने की चर्चा से हजारों रुपये चालान से बचने के लिए वाहनधारक हेलमेट को प्राथमिकता दे रहे हैं। एक विक्रेता ने बताया कि, पहले हमारे दुकाने से रोजाना 5 से कम हेलमेट बिक्री होती थी। लेकिन अब प्रतिदिन 10 से ज्यादा हेलमेट बिक्री हो रही है।

  

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