दो चरण में होगा संघ का तृतीय वर्ष प्रशिक्षण शिविर, इन कार्यक्रमों पर रहेगा लक्ष्य

नागपुर दो चरण में होगा संघ का तृतीय वर्ष प्रशिक्षण शिविर, इन कार्यक्रमों पर रहेगा लक्ष्य

Tejinder Singh
Update: 2022-05-06 13:27 GMT
दो चरण में होगा संघ का तृतीय वर्ष प्रशिक्षण शिविर, इन कार्यक्रमों पर रहेगा लक्ष्य

डिजिटल डेस्क, नागपुर, रघुनाथसिंह लोधी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तृतीय वर्ष प्रशिक्षण शिविर दो चरण में होगा। प्रत्येक शिविर में 800 से अधिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। खास बात है कि संघ अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष महोत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है। महोत्सव के तहत विविध कार्यक्रम होंगे। लिहाजा तृतीय वर्ष प्रशिक्षण शिविर में इस बार सबसे अधिक व्याख्यान शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों से संबंधित हो सकते हैं। बदली हुई सामाजिक व राजनीतिक स्थिति के अनुरुप संघ कार्य को करने के अलावा वैचारिक प्रचार के लिए अधिक जोर दिया जायेगा। गौरतलब है कि संघ का तृतीय वर्ष प्रशिक्षण शिविर 9 मई से संघ के रेशमबाग भवन में शुरु होने जा रहा है। संघ में प्रशिक्षण के लिहाज से यह शिविर काफी महत्वपूर्ण होता है। यह नागपुर में ही होता है। हालांकि कोविड संक्रमण के कारण दो वर्ष तक यह शिविर नहीं हो पाया। इससे पहले आपातकाल में ही शिविर नहीं हो पाया था। संघ सूत्र के अनुसार युवाओं में संघ का आकर्षण बढ़ा है। दो वर्ष तक प्रशिक्षण नहीं हो पाने से इस बार अधिक संख्या में प्रशिक्षणार्थी यहां आने के इच्छुक है। लिहाजा 830 स्वयंसेवकों की एक बैच के लिहाज से दो बार प्रशिक्षण शिविर कराने की तैयारी है। दूसरा शिविर दीपावली के बाद होगा। इस शिविर के समापन के मौके पर सरसंघचालक का संबोधन होता है। विशेष अतिथि के तौर पर किसी जानी मानी हस्ती को आमंत्रित किया जाता है। फिलहाल विशेष अतिथि के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।

कैसे होता है प्रशिक्षण

तृतीय वर्ष प्रशिक्षिण शिविर में 40 से 65 की आयु के स्वयंसेवक शामिल होते हैं। ये स्वयंसेवक जिला स्तर पर प्रथम व द्वितीय शिविर में प्रशिक्षण पा चुके होते हैं। संघ ने संगठन कार्य के लिहाज से देश में 45 प्रांत और 11 क्षेत्र निर्धारित किया है। प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण जिला स्तर पर 20 दिन का होता है। उसके बाद द्वितीय स्तर में क्षेत्र स्तर पर भी 20 दिन का प्रशिक्षण होता है। तृतीय वर्ष प्रशिक्षण शिविर के बाद स्वयंसेवक को पूर्णकालिक प्रचारक का दर्जा मिलता है। प्रशिक्षणार्थियों में किसान, पत्रकार, चिकित्सक, शिक्षक, इंजीनियर सहित अन्य क्षेत्रों के कार्यकर्ता शामिल रहते हैं। रेशमबाग स्थित हेडगेवार स्मृति भवन में इन स्वयंसेवकों को निर्धारित अवधि तक रहना पड़ता है। प्रतिदिन अलग अलग विषयों पर संघ के पदाधिकारी मार्गदर्शन करते हैं। संयम , अनुशासन , सदभाव का पाठ पढ़ने को मिलता है। साथ ही बदली हुई स्थितियों को लेकर विशेष व्याख्यान भी होते हैं। प्रशिक्षणार्थी स्वयंसेवकों की दिनचर्या सुबह 5 बजे से शुरु हो जाती है। विविध राज्यों से आए प्रशिक्षणार्थियों के बीच भाषा,संस्कृति को लेकर विचार भी साझा किए जाते हैं।

25 दिन का होगा प्रशिक्षण

इस बार यह प्रशिक्षण 25 दिन का होगा। तृतीय वर्ष प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत 1927 में नागपुर में की गई थी। स्वयंसेवकों को व्यायाम के अलावा वैचारिक प्रशिक्षण दिया जाता था। उस दौरान इस प्रशिक्षण को ओटीसी अर्थात आफिसर्स ट्रेनिंग कैंप कहा जाता था। 1950 के बाद इसे संघ शिक्षा वर्ग कहा जाने लगा। 40 िदन तक प्रशिक्षण दिया जाता था। कालांतर में अवधि कम होती गई। पहले 30 फिर 25 दिन का प्रशिक्षण शिविर आयोजित होने लगा। 

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