एनसीपी का आरोप- निजी कोचिंग क्लासेस के मालिकों और शिक्षा मंत्री तावडे के बीच आर्थिक लेनदेन

एनसीपी का आरोप- निजी कोचिंग क्लासेस के मालिकों और शिक्षा मंत्री तावडे के बीच आर्थिक लेनदेन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-27 14:32 GMT
एनसीपी का आरोप- निजी कोचिंग क्लासेस के मालिकों और शिक्षा मंत्री तावडे के बीच आर्थिक लेनदेन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता व पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री विनोद तावडे पर निजी कोचिंग क्लासेस के मालिकों से आर्थिक लेनदेन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में  निजी कोचिंग क्लासेस पर नियंत्रण के लिए विधेयक का मसौदा डेढ़ साल से तैयार है लेकिन कोचिंग क्लासेस के मालिकों के दबाव में तावडे इसे मंजूर नहीं होने दे रहे हैं। देशमुख ने कहा कि जब तक तावडे मंत्री पद पर रहेंगे तब तक यह विधेयक मंजूर नहीं हो सकता है। इसलिए हम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हैं। सोमवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में देशमुख ने कहा कि सूरत में निजी कोचिंग क्लासेस में आग की घटना के कारण 20 से अधिक विद्यार्थियों की मौत हो गई। इस तरह की घटना महाराष्ट्र में भी हो सकती है। राज्य में लगभग 1 लाख से अधिक कोचिंग क्लासेस चलाए जाते हैं। इसमें से मुंबई में 35 से 40 हजार कोचिंग क्लासेस हैं। मुंबई के कोचिंग क्लासेस रेलवे स्टेशन के आसपास की इमारतों के इमारत के बेसमेंट है। यदि इन कोचिंग क्लासेस में आग लगती है तो उस पर नियंत्रण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इस तरह के कोचिंग क्लासेस पर पांबदी लगाने के लिए कोचिंग क्लासेस रेगुलेशन एक्ट का मसौदा तैयार करने के लिए सरकार ने 4 जनवरी 2017 को 12 सदस्यों की समिति गठित की। समिति ने अंतिम रिपोर्ट को 28 मार्च 2018 को शिक्षा आयुक्त को सौंप दिया। लेकिन अब तक इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी नहीं मिल सकी है। कोचिंग क्लासेस के मालिकों के दबाव में तावडे ने इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया है। 

राकांपा की हार पर समीक्षा के लिए 1 जून को बैठक 

लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस की बैठक 1 जून को होगी। इस बैठक में चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर चर्चा होगी। चुनाव में मिली हार पर पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में वोटों के बंटवारे का लाभ भाजपा और शिवसेना को मिला है। वंचित बहुजन आघाडी के कारण 12 सीटों पर भाजपा-शिवसेना युती को फायदा हुआ है।

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