नारायण राणे ने कहा- महाराष्ट्र में लगाएं राष्ट्रपति शासन, कोरोना संकट से निपटने में ठाकरे सरकार फेल 

नारायण राणे ने कहा- महाराष्ट्र में लगाएं राष्ट्रपति शासन, कोरोना संकट से निपटने में ठाकरे सरकार फेल 

Tejinder Singh
Update: 2020-05-25 16:28 GMT
नारायण राणे ने कहा- महाराष्ट्र में लगाएं राष्ट्रपति शासन, कोरोना संकट से निपटने में ठाकरे सरकार फेल 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा सांसद नारायण राणे ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। सोमवार को राणे ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। बाद में पत्रकारों से बातचीत में राणे ने कहा कि कोरोना संकट का सामना करने में राज्य सरकार फेल साबित हुई है। इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए।

राणे ने कहा कि मैंने राज्य सरकार और महानगर पालिकाओं के अस्पतालों को सेना के जिम्मे देने की मांग की है। अस्पतालों को सेना को देने पर ही परिस्थिति में सुधार हो सकेगा। राणे ने कहा कि अस्पतालों में कई मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। अस्पताल परिसर में ही कई मरीजों की मौत हो गई है। राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना कहा कि यह साबित हो गया है कि वे सरकार नहीं चला सकते। राणे ने कहा कि सरकार कोरोना से लड़ने में असफल साबित हुई है।

सरकार विचारपूर्वक कोई फैसला नहीं ले रही है। राज्य में कोरोना की स्थिति दिन प्रति दिन गंभीर होती चली जा रही है। उन्होंने राज्य में कोरोना से होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए प्रयास करने की मांग की। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल और राज्य सरकार के बीच खींचतान पर राणे ने कहा कि गोयल ने कुछ गलत नहीं कहा है। राणे ने कहा कि अभी तक सब कुछ केंद्र सरकार ने किया है।

राज्य सरकार के लोग केंद्रीय मंत्रियों के पास चक्कर लगाते हैं और उनसे मिठी बात करते हैं। बाहर निकलने के बाद केंद्र सरकार की आलोचना करते हैं फिर मदद की अपेक्षा करते हैं। यह कौन सी नीति और कौन सी राजनीति है। राणे ने कहा कि राज्य में संसाधन कहां से पैदा किया जाए और कहां पर खर्च किया जाए। सुविधाएं कैसे दी जाएं। इस पर सरकार में जिसका अध्ययन है उसको करना चाहिए लेकिन कोई कुछ नहीं कर रहा है। 

 

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