शिक्षा विभाग की कोई हेल्पलाइन-सर्कुलर जारी नहीं, स्कूलों से दी जा रही महंगी किताबें

शिक्षा विभाग की कोई हेल्पलाइन-सर्कुलर जारी नहीं, स्कूलों से दी जा रही महंगी किताबें

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-07 06:48 GMT
शिक्षा विभाग की कोई हेल्पलाइन-सर्कुलर जारी नहीं, स्कूलों से दी जा रही महंगी किताबें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिक्षा विभाग की  कोई हेल्पलाइन-सर्कुलर जारी नहीं किया गया है। फलस्वरुप  स्कूलों से दी जा रही महंगी किताबों व अन्य सामग्री  पैरेंट्स की जेब ढीली कर रही है।  स्कूलों में बिकने वाली महंगी किताबों पर रोक लगाने की जिम्मेदारी शिक्षा उपसंचालक कार्यालय की है। बीते दिनों बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जब यह मुद्दा उठा तो कोर्ट ने शिक्षा उपसंचालक को इस पर नियंत्रण लगाने की जिम्मेदारी देकर याचिका का निपटारा कर दिया था। अब नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है, पर किताबों की अवैध बिक्री पर शिक्षा उपसंचालक कार्यालय का कोई नियंत्रण नहीं नजर आ रहा है। 

आश्चर्य तो यह है कि शिक्षा उपसंचालक सतीश मेंढे अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए अजीबो-गरीब तर्क दे रहे हैं। हमने जब उनसे इस विषय पर संपर्क किया तो उन्होंने उलटे हमसे ही पूछ लिया कि आखिर शहर में महंगी किताबें बिक कहां रही है, पालक इसकी शिकायत क्यों नहीं कर रहे हैं। उनसे जब पूछा गया कि हाईकोर्ट ने उन्हें जो स्कूलों द्वारा किताबों पर बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे, उस पर उन्होंने क्या किया है, तो उन्होंने जवाब दिया कि उड़नदस्ते बनाए हैं, जो स्कूलों में जाकर औचक निरीक्षण कर रहे है। उन्होंने दावा किया कि बीते 25 दिनों से उनके उड़नदस्ते शहर में घूम रहे हैं। लेकिन कहीं कोई उड़नदस्ता शहर मंे सक्रिय नजर नहीं आ रहा और न ही कहीं से इसकी जानकारी मिल रही है। श्री मंेढे से जब पूछा किया कि उन्होंने ऐसे कितने उड़नदस्ते बनाए हैं, उड़नदस्तों ने कितनी स्कूलों का औचक निरीक्षण किया और कितने स्कूलों पर कार्रवाई की, तो इसकी जानकारी देने से वे टाल गए।  

खरीदी के लिए दबाव नहीं बना सकते सीबीएसई का स्पष्ट निर्देश
पिछले वर्ष  सीबीएसई परिपत्रक जारी कर सीबीएसई ने पालकों को सजग किया है कि वे अपनी अपने बच्चों के लिए जहां से चाहें किताबें खरीद सकते हैं। स्कूल अपने यहां से ही किताबें खरीदने का दबाव उन पर नहीं डाल सकता। 

उपसंचालक कार्यालय इस बार सक्रिय नहीं
सीबीएसई के अलावा विभागीय शिक्षा उपसंचालक कार्यालय ने भी स्कूलों को निजी प्रकाशकों से दूर रहने की हिदायत दी थी।  लेकिन इस साल उपसंचालक कार्यालय ने ऐसा कोई सर्कुलर जारी नहीं किया और न  ही पालकों की शिकायत के लिए कोई हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। 

सुनने में ही अच्छा है यह जवाब
शिक्षा उपसंचालक सतीश मेंढे के अनुसार इस प्रकार के प्रबंध की कोई जरुरत नहीं है, उड़नदस्ते ही सारा काम संभाल रहे हैं। 

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