जीएसटी से डरने की जरूरत नहीं, भ्रम और भय मन से निकालें व्यापारी : अग्रवाल

जीएसटी से डरने की जरूरत नहीं, भ्रम और भय मन से निकालें व्यापारी : अग्रवाल

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-06 06:38 GMT
जीएसटी से डरने की जरूरत नहीं, भ्रम और भय मन से निकालें व्यापारी : अग्रवाल

डिजिटल डेस्क,  नागपुर।  वस्तु एवं सेवा कर का भ्रम और भय व्यापारी अपने मन से निकाल लें। इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। व्यवसायी ही टैक्स कलेक्ट करके हमें देता है, इसीलिए वह हमारा मेन टैक्स कलेक्टर है। पिछले 7 वर्षों में जिस तरह प्रधानमंत्री ने खुद को प्रधान सेवक कहा है, उसी तरह सभी क्षेत्र के प्रशासकीय अधिकारियों में जिम्मेदारी के साथ अपने आप को जनता का सेवक साबित करने की होड़ लगी है, जिससे प्रशासन और राजस्व दोनों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यह विचार शहर के प्रिंसिपल जीएसटी कमिश्नर प्रमोद कुमार अग्रवाल ने नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स लि. द्वारा आयोजित एनसीसीएल अवार्ड 2019 में व्यक्त किए। कार्यक्रम में उद्योग, व्यापार व सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। ‘दैनिक भास्कर’ के संचालक सुमित अग्रवाल का विशेष सम्मान शाल व श्रीफल से किया गया।

ऐसा नजारा पहली बार
उन्होंने कहा कि मैं जिस पृष्ठभूमि से आया हूं, उस कारण उद्योग व्यापार जगत की दिक्कतों और परेशानियों को अच्छी तरह से समझता हूं। जिस चेंबर के दीपपर्व महोत्सव में आईएस अधिकारी, पुलिस कमिश्नर और जीएसटी कमिश्नर तीनों एक साथ उपस्थित हों, वहां सुरक्षा, विकास और राजस्व की कमी होने का सवाल ही नहीं उठता। बतौर आईआरएस अधिकारी मैंने ऐसा नजारा पहली बार यहां देखा, इसके लिए मैं चेंबर के प्रयासों की सराहना करता हूं। चेंबर के अध्यक्ष विष्णु पचेरिवाला ने इस प्रतिपादन को सराहते हुए कहा कि यह राजस्व और व्यापार दोनों की कड़ी को जोड़नेवाला एक उम्दा अभिवचन है। 

जहां व्यापार व उद्योग, वहां विकास : संजीव कुमार
एनसीसीएल अवार्ड में शहर के विभागीय आयुक्त संजीव कुमार ने कहा कि, जहां व्यापार और उद्योग रहता है वहां  विकास होता है। इससे क्षेत्र में रोजगार में भी इजाफा होता है। हर कोई चाहता है कि, उसके क्षेत्र का विकास हो। शहर के पुलिस आयुक्त भूषणकुमार उपाध्याय ने कहा कि, जहां व्यापारी है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। उन्होंने उद्योग और व्यापार जगत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि, व्यापारियों ने पुलिस कल्याण कोष में अविस्मरणीय योगदान दिया है। जो राशि 20 साल में मिलनी चाहिए थी, वह मात्र 8 दिन में उपलब्ध कराई गई।  



चेंबर के अध्यक्ष विष्णुकुमार पचेरिवाला ने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दीं। चेंबर के पूर्व अध्यक्ष कैलाश जोगानी ने कहा कि, किसी भी सर्च में पुलिस को सिविल ड्रेस में भेजना चाहिए, ताकि भय और भ्रम का वातावरण  निर्माण न हो। साथ ही जीएसटी की दर को व्यवहारिक बनाने की मांग उन्होंने की। कार्यक्रम में दैनिक भास्कर के समन्वय संपादक आनंद निर्बाण मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन महेंद्र कटारिया ने किया। अतिथि परिचय संयुक्त सचिव तरूण निर्बाण, संजय पांडे, वसंत पालीवाल, मितेश कटारिया, विवेक मुरारका और उपाध्यक्ष गोविंद पसारी ने दिया। अतिथियों का सत्कार कोषाध्यक्ष वेणुगोपाल अग्रवाल ने किया। आभार उपाध्यक्ष प्रदीप जाजू ने माना। 

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नगरसेवक सुनील हिरणवार, निशांत गांधी, संजय बंगाले, उज्ज्वला शर्मा, पूर्व अध्यक्ष भगीरथ मुरारका, घनश्याम पनपालिया, संतोष अग्रवाल के अलावा गोविंदलाला सारड़ा, रमेश मंत्री, विजय जायस्वाल, पुरुषोत्तम ठाकरे, प्रदीप मेहाड़िया, श्रवणकुमार शर्मा, रमेश कुलकर्णी, अग्रसेन मंडल की अध्यक्ष उर्मिलादेवी अग्रवाल, आर.के. वर्मा, रामदास वजानी, योगेश पालीवाल, शरद गांधी, नारायण ढींगरा, अर्जुनदास आहुजा, जुल्फेश शाह, राजेश पटेल, प्रकाश त्रिवेदी, निखिल छाबरिया, धरमपाल अग्रवाल आदि का सम्मान किया गया। 

इन्हें किया सम्मानित
उद्योग क्षेत्र से शारदाश्री इस्पात लिमिटेड बुटीबोरी नागपुर के चेयरमैन नंदकिशोर सारड़ा, व्यापार क्षेत्र से संगीत सेल्स प्रा.लि. नागपुर के मैनेजिंग डायरेक्टर अनंत अग्रवाल व सेवा क्षेत्र से बेरलिया रोड लाइंस प्रा.लि. नागपुर के मैनेजिंग डायरेक्टर गणपतराय अग्रवाल काे सम्मानित किया गया। 

नैतिकता विभाग जरूरी
व्यापार करने के लिए नैतिक शिक्षा होनी चाहिए। नैतिक शिक्षा के अभाव में व्यापार आगे नहीं बढ़ सकता। हमारे पास टाटा स्टील की एजेंसी है वहां नैतिकता का एक अलग ही विभाग है।  -नंदकिशोर सारडा

मैं बिहार से व्यापार करने के लिए नागपुर आया। यहां के लोगों के सहयोग और मार्गदर्शन से मैं आगे बढ़ा। शहर के लिए नए आदमी को चेंबर द्वारा सत्कार कर प्रोत्साहित करने का काम किया गया। इसके लिए मैं चेंबर का आभारी हूं।  -अनंत अग्रवाल

अस्वस्थता के चलते उनकी परनाती बहू नमिशा अग्रवाल ने उनके मंतव्य को पढ़कर सुनाया। श्रीमती अग्रवाल ने कहा कि, संयुक्त परिवार में रहकर हमने सीखा कि, व्यापार को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है।   -गणपतराय अग्रवाल
 

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