नितीन राऊत को नागपुर, केदार को वर्धा की जिम्मेदारी - वडेट्टीवार चंद्रपुर के पालकमंत्री बने

नितीन राऊत को नागपुर, केदार को वर्धा की जिम्मेदारी - वडेट्टीवार चंद्रपुर के पालकमंत्री बने

Tejinder Singh
Update: 2020-01-08 16:46 GMT
नितीन राऊत को नागपुर, केदार को वर्धा की जिम्मेदारी - वडेट्टीवार चंद्रपुर के पालकमंत्री बने

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राऊत नागपुर के नए पालकमंत्री होंगे। उपमुख्यमंत्री अजित पवार पुणे के पालक मंत्री बनाए गए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पालकमंत्रियों की नियुक्ति की। वजनदार विभाग नहीं मिलने से नाराज चल रहे ओबीसी विभाग के मंत्री विजय वडेट्टीवार चंद्रपुर के पालक मंत्री होंगे। राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे दो जिले ठाणे और गडचिरोली के पालक मंत्री बनाए गए हैं। उद्योग मंत्री सुभाष देसाई की औरंगाबाद के पालक मंत्री पद पर नियुक्ति की गई है। गृह मंत्री अनिल देशमुख गोंदिया और पशुपालन मंत्री सुनील केदार वर्धा के पालक मंत्री होंगे। स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री बच्चू कडू अकोला के पालक मंत्री बनाए गए हैं। पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण नांदेड़ के पालक मंत्री होंगे। 


राऊत, देशमुख के लौटे पुराने दिन, केदार का कद बढ़ा

महाविकास आघाड़ी सरकार के पालकमंत्रियों के नामों की घोषणा हो चुकी है। ऊर्जामंत्री डॉ.नितीन राऊत का नागपुर जिले का पालकमंत्री बनाया गया है। गृहमंत्री अनिल देशमुख को गोंदिया व पशुसंवर्धन मंत्री सुनील केदार को वर्धा का पालकमंत्री बनाया गया है। पालकमंत्री पद के लिहाज से देखें तो राऊत व देशमुख के पुराने दिन लौट आए हैं। केदार का भी कद बढ़ा है। पालकमंत्री की नियुक्ति मुख्यमंत्री करते हैं। संवैधानिक व्यवस्था के तहत यह पद अनिवार्य नहीं है। लेकिन प्रशासनिक कार्यों की निगरानी के उद्देश्य के साथ मुख्यमंत्री इन पदों की नियुक्ति करते हैं। पालकमंत्री जिला स्तर पर मुख्यमंत्री का प्रतिनिधि होता है। वह सभी विभागों की योजनाओं की समीक्षा करता है। अधिकारियों की बैठकें लेता है। डॉ.राऊत दूसरी बार नागपुर के पालकमंत्री बने हैं। इससे पहले 2014 में विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन कांग्रेस राकांपा आघाडी की सरकार में वे पालकमंत्री बने थे। डा.राऊत यवतमाल व अमरावती के भी पालकमंत्री रह चुके हैं। अनिल देशमुख भी गोंदिया के पालकमंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस राकांपा आघाड़ी सरकार में उन्हें भी अमरावती की जिम्मेदारी मिली थी। सुनील केदार पहले राज्यमंत्री रहे हैं। लेकिन पहली बार पालकमंत्री नियुक्त हुए हैं।

जिले के मंत्री को ही मौका

पालकमंत्री की नियुक्ति अक्सर संबंधित जिले के मंत्री को ही दी जाती है। इस बार भी वैसा ही कुछ हुआ है। विदर्भ में ही देखा जाये तो विजय वडेट्टीवार चंद्रपुर, यशोमति ठाकुर अमरावती व संजय राठौड यवतमाल के पालकमंत्री बने है। ये मंत्री उसी जिले से विधानसभा चुनाव भी जीते हैं। गडचिरोली का पालकमंत्री पद चर्चा में रहता है। सार्वजनिक उपक्रम मामलों के मंत्री एकनाथ शिंदे को गडचिरोली का पालकमंत्री बनाया गया है। शिंदे शिवसेना में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सबसे करीबी मंत्री के तौर पर उनका नाम गिनाया जाता है। सरकार गठन के समय शिवसेना विधायक दल के नेता के तौर पर शिंदे का नाम मुख्यमंत्री पद को लेकर भी चर्चा में था। मुख्यमंत्री ठाकरे का गडचिरोली से जुडाव रहा है। इससे पहले उन्होंने गडचिरोली के लिए मुंबई से लाइव उपचार सेवा की योजना लायी थी। कांग्रेस राकांपा गठबंधन की सरकार में गृहमंत्री रहे दिवंगत आर.आर पाटील भी गडचिरोली के पालकमंत्री रहे हैं। 

पालक मंत्रियों की सूची  

जिला      पालक मंत्री

1.      पुणे- अजित पवार
2.      मुंबई शहर- असलम शेख
3.      मुंबई उपनगर- आदित्य ठाकरे  
4.      ठाणे- एकनाथ शिंदे
5.     रायगड - आदिती तटकरे
6.     रत्नागिरी- अनिल परब
7.     सिंधुदुर्ग- उदय रवींद्र सामंत
8.     पालघर- दादाजी भुसे
9.      नाशिक-छगन भुजबल
10.   धुलिया - अब्दुल सत्तार
11.  नंदूरबार-  के.सी. पाडवी
12.  जलगांव- गुलाबराव पाटील
13.  अहमदनगर- हसन मुश्रीफ
14. सातारा- बालासाहब पाटील
15. सांगली- जयंत पाटील
16. सोलापुर- दिलीप वलसे-पाटील
17. कोल्हापुर- बालासाहब थोरात
18. औरंगाबाद- सुभाष देसाई
19.  जालना- राजेश अंकुशराव टोपे
20. परभणी- नवाब मलिक
21.  हिंगोली- वर्षा गायकवाड
22. बीड़- धनंजय मुंडे
23. नांदेड़- अशोक चव्हाण
24. उस्मानाबाद- शंकरराव गडाख
25. लातूर- अमित देशमुख
26. अमरावती- यशोमती ठाकुर 
27.  अकोला- बच्चू कडू
28. वाशिम- शंभुराज देसाई
29. बुलढाणा- राजेंद्र शिंगणे
30. यवतमाल- संजय राठोड
31.  नागपुर- डॉ. नितीन राऊत
32. वर्धा- सुनील केदार
33. भंडारा- सतेज पाटील
34. गोंदिया- अनिल देशमुख
35. चंद्रपुर- विजय वडेट्टीवार
36. गडचिरोली- एकनाथ शिंदे 
 

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