SSR death Case: AIIMS आज नहीं सौंपेगा CBI को रिपोर्ट, अब मंगलवार को हो सकती है मीटिंग

Sushant Singh Rajput death probe: AIIMS forensic team likely to meet CBI on Tuesday
SSR death Case: AIIMS आज नहीं सौंपेगा CBI को रिपोर्ट, अब मंगलवार को हो सकती है मीटिंग
SSR death Case: AIIMS आज नहीं सौंपेगा CBI को रिपोर्ट, अब मंगलवार को हो सकती है मीटिंग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुशांत केस में AIIMS डाक्टरों की जो बैठक सीबीआई के साथ होने वाली थी, अब वो मंगलवार तक पोस्टपोन कर दी गई है। इस  बैठक में CBI और एम्स के डॉक्टरों के बीच विसरा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर चर्चा होनी थी। हालांकि अब तक इस बैठक के टलने की वजह सामने नहीं आई है। बता दें कि सुशांत की मौत के मामले में एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। ये बोर्ड सीबीआई को अपनी राय देगा।

उधर, सुशांत मामले में ऐसे संकेत मिले हैं कि मुंबई पुलिस या मेडिकल बोर्ड की ओर से लापरवाही बरती गई है। सुशांत के शव परीक्षण और उनकी महत्वपूर्ण विसरा को ठीक से संरक्षित नहीं किए जाने को लेकर संकेत मिले हैं। एम्स में उच्च पदस्थ सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी साइंसेज विभाग द्वारा प्राप्त विसरा रिपोर्ट में बहुत कम जानकारी के साथ ही यह विकृत है।

कई मीडिया आउटलेट्स ने मुंबई पुलिस के इस रुख पर सवाल उठाया है कि अभिनेता ने आत्महत्या ही की है, इस संदर्भ में अब विसरा विश्लेषण से अभिनेता की मौत के रहस्य से पर्दा उठ सकता है। अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से की जा रही जांच में इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि सुशांत की मौत किसी प्रकार के ड्रग ओवरडोज से हुई है या उन्होंने साधारण तौर पर ही आत्महत्या की है। विसरा विश्लेषण से बॉलीवुड स्टार की मौत का सही तरीके से पता चल सकेगा।

15 जून को शव परीक्षण के बाद मुंबई के कूपर अस्पताल में पांच डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड ने सुशांत की मौत को फांसी का कारण ही बताया था। हालांकि उन्होंने अभी भी आगे की जांच के लिए विसरा को संरक्षित किया है। बोर्ड में कूपर पोस्टमॉर्टम सेंटर के तीन चिकित्सा अधिकारी संदीप इंगले, प्रवीण खंदारे और गणेश पाटिल शामिल थे। इसके साथ ही मुंबई में फोरेंसिक मेडिसिन के दो एसोसिएट प्रोफेसर थे।

विसरा, जिसमें आमतौर पर जिगर, अग्न्याशय और आंत सहित शरीर के आंतरिक हिस्से होते हैं, उन्हें एक बोतल में संरक्षित किया गया और पुलिस को सौंप दिया गया। बाद में विसेरा नमूना को मृत्यु की स्थिति में विषाक्तता या नशा से मुक्त करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए भेजा गया था। सुप्रीम कोर्ट के निदेशरें के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।

Created On :   20 Sep 2020 9:09 AM GMT

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