पन्ना: कृषि उपज मण्डियां बनी शोपीस, व्यापरियों की दुकानों में लुटने को मजबूर किसान

कृषि उपज मण्डियां बनी शोपीस, व्यापरियों की दुकानों में लुटने को मजबूर किसान
  • मण्डी में किसानों को नहीं मिल पा रही बुनियादी सुविधायें,
  • मण्डी प्रशासन ने साधी चुप्पी
  • गुनौर विधायक ने दिया बयान

डिजिटल डेस्क, पन्ना। किसानों को उनकी फसल का बाजिफ दाम मिल सके इस उद्देश्य के साथ कृषि उपज मण्डियों की स्थापना की गई है। मण्डियों में पंजीकृत व्यापारी डाक बोली लगाकर किसानों की फसल को क्रय करते है किन्तु पन्ना जिले गुनौर विकासखण्ड अंतर्गत मुख्यालय गुनौर कृषि उपजी मण्डी सहित अमानगंज उपज मण्डी तथा सलेहा निर्मित मण्डी से किसानों को मण्डी में उपज विक्रय करने को लेकर समस्याओ से दो-चार होना पड रहा है मण्डी में किसानो को जो बुनियादी सुविधायें स्वच्छ शीतल पेयजल रियायती दर पर भोजन की सुविधा तथा विश्राम आदि की सुविधा नहीं मिल पाने से परेशानियों का सामना करना पड रहा है। वहीं मण्डियों में फसल विक्रय की व्यवस्थित व्यवस्था नहीं होने एवं व्यापारियों के हावी होने की वजह से किसान भटकने एवं लुटने के लिए मजबूर है। हालात यह है कि मण्डियों में डाक बोली नियमित रूप से नही लगती और लाम बंध व्यापारी अपनी दुकानों से किसानों की फसल खरीदी मनमाने दामों पर कर रहे हैं। खरीदी कार्य में किसानो से उनकी फसल की अधिक मात्रा में तुलाई कर व्यापारी अपना मुनाफा साधे और अन्नदाता किसानो को चूना लगा रहे हैं।

किसानों पर भारी गल्ला व्यापारी तौल एवं हिसाब में कर रहे है गडबडियां

गल्ला व्यापारियों द्वारा किसानों के साथ तौल एवं हिसाब किताब आदि कई प्रकार की गड़बड़ी की जाती हैं उनके द्वारा की गई गड़बड़ी कई किसानों द्वारा पकड़ भी ली जाती हैं किंतु गल्ला खरीदी का हिसाब-किताब केवल एक कागज के टुकड़ा में रहता है इसलिए गड़बड़ी पकड़ी जाने पर भी मामले को रफ-दफा कर दिया जाता है। पूर्व में गुनौर के एक व्यापारी के यहां 22 किलो वजन वाले 20 किलो लिखे हुए 5 वॉट पकड़े गए थे अर्थात एक क्विटंल में सीधी 10 किलो की चोरी की जा रही थी। इसका भी बहुत हल्ला हुआ था किंतु मामला रफा-दफा कर लिया गया था।

शासकीय राजस्व की हो रही चोरी

जिन व्यापारियों के पास गल्ला खरीदी का लाइसेंस है उन्हें अपने घर में भी गल्ला खरीद कर अनुबंध काटने का अधिकार दिया गया है जिसका व्यापारियों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। जिनके द्वारा गिने चुने किसानों को ही खरीदी के समय अनुबंध काट कर दिया जाता है शेष अधिकतर बिना अनुबंध के ही खरीदी की जा रही है एवं कई व्यापारियों के पास तो लाइसेंस ही नहीं है जो खुले आम सैकड़ो क्विटंल गल्ला प्रतिदिन खरीद रहे हैं। इस तरह चल रही मनमानी से शासन जो राजस्व टैक्स के रूप में प्राप्त होता है उसका बडा नुकसान हो रहा है। मण्डी क्षेत्र में छाई अव्यवस्थाओं और मनमानी को लेकर मण्डी प्रशासन और इससे जुडे कर्मचारियों की भूमिका पर ही ऐसे हालातो में बडे सवाल खडे हो रहे हैं।

मण्डी प्रांगण में पांच रूपए में भोजन की थाली गायब

शासन द्वारा कृषि उपज मण्डियों में पहुंचने वाले किसानो को पांच रूपए में प्रति थाली भोजन व्यवस्था उपलब्ध करने के निर्देश दिए गए जो कि गुनौर मण्डी में गायब नहीं हैं लोगों कहना है कि यदि चल भी रही होगी तो कागजो में ही चल रही होगी। जिसकी जांच किए जाने से वस्तु स्थिति का खुलासा होगा।

मण्डी प्रांगण में ही को अनाज की खरीदी

गुनौर मण्डी में खरीदी का कार्य लगभग ठप्प पडा हुआ है व्यापारी पूरे समय सप्ताह के सातो दिन अपने दुकानों से ही अनाज की खरीदी कर रहे है और इसके चलते उनकी द्वारा की जाने वाली मनमानी से किसानो को नुकसान उठाना पड रहा है। स्थानीय किसानो ने शासन-प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा की जाती है कि विकासखण्ड अंतर्गत गुनौर एवं अमानगंज मण्डी में सप्ताह के सातो दिन सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक व्यापारी किसानो से अनाज पारदर्शी तरीके से नियमो का पालन करते हुए क्रय करें यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। मण्डी की अव्यवस्थाओ और समस्याओ को लेकर मण्डी सचिव से सम्पर्क करने का दूरभाष से प्रयास किया गया परंतु उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

इनका कहना है

मण्डियों को लेकर गुनौर विधायक राजेश वर्मा ने कहा कि किसानों की जो समस्या है और शिकायतें हैं वह दूर होनी चाहिए इसको लेकर वह जिले के कलेक्टर से बात करेंगे तथा यह कहेंगे कि मण्डियों से ही किसानो से अनाज की खरीदी सुनिश्चित की जाये तथा किसानों को मण्डियों में बुनियादी सुविधाये सुलभ कराये जाये।

Created On :   12 April 2024 12:52 PM GMT

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